आइआइएससी, बेंगलूरू देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपनी राष्ट्रीय रैंकिंग में बेंगलूरू के भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) को समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ संस्थान चुना है। दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में रैंकिंग की घोषणा करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मद्रास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी- एम) को सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज और अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-ए) को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान चुना गया है।
Congratulations! Indian Institute of Science, Bengaluru @iiscbangalore topped in overall category in #IndiaRankings2018#NIRF2018 #TransformingIndia
— Ministry of HRD (@HRDMinistry) April 3, 2018
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचे (एनआइआरएफ) के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस को सर्वश्रेष्ठ कॉलेज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य देखभाल संस्थान और बेंगलूरू स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिर्विसटी (एनएलएसआइयू) को देश में सर्वश्रेष्ठ लॉ कॉलेज चुना गया।
Congratulations! Miranda House, New Delhi topped in Colleges category in #IndiaRankings2018#NIRF2018 #TransformingIndia
— Ministry of HRD (@HRDMinistry) April 3, 2018
Congratulations! All India Institute of Medical Sciences, New Delhi @aiims_newdelhi topped in Medical Institutions category in #IndiaRankings2018#NIRF2018 #TransformingIndia
— Ministry of HRD (@HRDMinistry) April 3, 2018
विश्वविद्यालय श्रेणी में भारतीय विज्ञान संस्थान को पहले, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय( जेएनयू) को दूसरे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को तीसरे पायदान पर रखा गया
भारतीय विज्ञान संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उद्योगपति जमशेदजी टाटा, मैसूर के महाराजा और भारत सरकार की साझेदारी से 1909 में इस संस्थान की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद से संस्थान ने विज्ञान और इंजीनियरिंग में बुनियादी ज्ञान के साथ-साथ औद्योगिक और सामाजिक लाभ के लिए अपने शोध निष्कर्षों के इस्तेमाल पर जोर दिया है।
इस बीच, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनआइआरएफ में सार्वजनिक संस्थानों की भागीदारी को अगले वर्ष से अनिवार्य कर दिया है। इसकी जानकारी विभाग के प्रकाश जावड़ेकर ने दी। उन्होंने कहा कि एनआइआरएफ में भागीदारी नहीं करने वाले सार्वजनिक संस्थानों को मिलने वाली धनराशि में कटौती का सामना करना पड़ेगा। पहले इस रैंकिंग ढांचे में भागीदारी अनिवार्य नहीं थी।