आईसीएमआर ने कहा, सभी को नहीं लगेगी कोरोना की वैक्सीन, नहीं होगी इसकी जरूरत
कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। वहीं, आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने भी इस मामले पर बात करते हुए कहा कि वैक्सीन कितने लोगों को दी जाएगी यह उत्पादन पर निर्भर करेगा। अगर हम लोग कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ देते हैं तब पूरी आबादी को टीकाकरण करने की आवश्यकता नहीं होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की बलराम भार्गव ने कहा, 'मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी नहीं कहा है कि पूरे देश का टीकाकरण किया जाएगा। हमारा उद्देश्य कोविड-19 संक्रमण की कड़ी को तोड़ना है। अगर हम जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन देने में सफल होते हैं और संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में सफल होते हैं तो पूरी आबादी के टीकाकरण की जरूरत ही नहीं होगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देश में 11 नवंबर को संक्रमण दर 7.15 फीसदी थी और 1 दिसंबर को यह घटकर 6.69 फीसदी हो गई है, जो कि देश के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह औसत दैनिक संक्रमण दर 3.72 फीसदी थी।
सरकार ने ऑक्सफर्ड वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले तमिलनाडु के एक शख्स पर कथित दुष्प्रभाव से वैक्सीन की टाइमलाइन प्रभावित होने की आशंका को खारिज किया है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इससे टाइमलाइन प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जब भी क्लीनिकल ट्रायल स्टार्ट होते हैं तो जो वॉलंटियर इसमें हिस्सा लेते हैं वे पहले ही एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं। पूरी दुनिया में यही होता है। फॉर्म में वॉलंटियर को बताया जाता है कि ट्रायल में कुछ दुष्रप्रभाव भी हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड भी डे टु डे आधार पर क्लीनिकल ट्रायल्स की निगरानी कर रहा है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स पर नजर रखता है तो उसे दर्ज किया जाता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल सभी रिपोर्ट्स का विश्लेषण करते हैं और यह पता लगाते हैं कि जो दुष्प्रभाव दिखे हैं वे वाकई वैक्सीन की वजह से हैं या नहीं।