Advertisement
09 October 2021

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में 50 सरपंचों और पंचों ने दिया एक साथ इस्तीफा, पीडीपी बोली- खुली सरकार की पोल, जाने क्या है वजह

FILE PHOTO

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में करीब 50 सरपंचों और पंचों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। कि निर्वाचित प्रतिनिधियों ने वादों के अनुसार सशक्तिरण नहीं करने, अनावश्यक हस्तक्षेप और केंद्र शासित प्रदेश में जनता तक पहुंचने के कार्यक्रमों में प्रशासन द्वारा उनकी अनदेखी किये जाने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है। वहीं, इस्तीफे के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ काल्पनिक सामान्य हालात और आंडबर जो दिखाया जा रहा था उसकी पोल खुल गई है।’’

इतनी बड़ी संख्या में पंचों के इस्तीफे से प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिला पंचायत अधिकारी अशोक सिंह ने विरोध कर रहे सदस्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया है। उऩ्हें आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायतों का यथा शीघ्र निस्तारण किया जाएगा.। इस्तीफा देने वाले प्रतिनिधियों की सोमवार को दूसरे चरण की बैठक प्रस्तावित है।

सरपंच गुलाम रसूल मट्टू, तनवीर अहमद कटोच और मोहम्मद रफीक खान ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वे सब अब भी कागजों में ही लटके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक मशीनरी उनकी अनदेखी कर रही है और गांव के विकास कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप किया जा रहा है। सरकारी योजनाओं में ग्राम सभाओं को हिस्सेदारी देने का वादा क्रूर मजाक साबित हो रहा है। पंचों ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री राज्य में दौरा करने आते हैं लेकिन लोकल अफसर स्थानीय प्रतिनिधियों को उनसे मिलने नहीं देते। चुनिंदा लोगों का ग्रुप बनाकर उनसे मिलवा दिया जाता है। ससे पंचायती राज सिस्टम सफल नहीं हो पा रहा है।

Advertisement

वहीं, पंच-सरपंचों के इस्तीफे के बाद पीडीपी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने लिखा, ‘55 पंचों और सरपंचों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। काल्पनिक समान्य हालत और आडंबर जिसका प्रदर्शन किया जा रहा था, उसकी पोल खुल गई है। सरकार न तो इन जनप्रतिनिधियों को सुरक्षित रख सकी और न ही उन्हें जनकल्याण के लिए सशक्त कर सकी।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार का जमीनी स्तर तक लोकतंत्र ले जाने के दावे की पोल इन सामूहिक इस्तीफों से खुल गई है। पंचों और सरपंचों की केंद्रीय मंत्रियों के हालिया दौरों के दौरान अनदेखी की गई। प्रशासन उनके साथ सजावट की वस्तु की तरह व्यवहार करना जारी रखे हुए है।’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Ramban, Jammu, Kashmir, जम्मू कश्मीर, sarpanches, panches, PDP, पीडीपी
OUTLOOK 09 October, 2021
Advertisement