तकनीकी में भारत अब कंज़्यूमर नहीं, प्रोड्यूसर है: राजीव चंद्रशेखर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन के सत्र परिचर्चा में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डाटा सेंटर के संदर्भ में विशेष सत्र का आयोजन हुआ। 'आईटी,आईटीईएस एंड डाटा सेंटर्स इन उत्तरप्रदेश,सर्विंग द वर्ल्ड सेशन' में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आई टी मंत्री राजीव चंद्रशेखर और उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से उच्च शिक्षा, विज्ञान,सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सहभागिता की।
परिचर्चा में उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा व आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आईटी और आईटीईएस क्षेत्र, विशेष रूप से विकासशील देशों के बीच तेजी से नया क्षेत्र उभरा है। उत्तरप्रदेश सरकार आईटी व आईटीईएस क्षेत्र को विशेष रूप से बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है।
प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया के मिशन को लेकर रिफॉर्म,ट्रांसफॉर्म,परफार्म के मूलमंत्र को स्वीकारते हुए उत्तर प्रदेश सरकार भी इस क्षेत्र में विशेष निवेश को प्रोत्साहित करती है।
उत्तरप्रदेश सरकार हाल ही में डाटा सेंटर नीति भी लेकर आई है,इस नीति की वजह से निवेश में काफी सफलता मिली,इसकी सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए हमने इसमे नए आकर्षण बिंदु भी रखे। उत्तरप्रदेश में वर्तमान में 8 डाटा सेंटर्स के लिए निवेश हुआ है। एक डाटा सेंटर नोएडा में शुरू भी हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मेरा उत्तरप्रदेश से आत्मिक लगाव है। ऐसा इसलिए है कि 16 साल में राजनीतिक कैरियर के बाद मुझे प्रधानमंत्री जी के निर्देश के बाद उत्तरप्रदेश में एक सभा मे संबोधित करने का अवसर मिला, हालाँकि मैं हिंदी में इतना अच्छा नहीं हूँ , लेकिन फिर भी मैंने हिंदी में सम्बोधित करने की कोशिश की,उस भीड़ से एक युवा की आवाज़ आई 'डिजिटल इंडिया के साथ बढ़ता डिजिटली उत्तरप्रदेश', ये नारा मुझे उस समय काफी क्रांतिकारी लगा ।
उस के बाद आज मैं महसूस करता हूँ कि उत्तरप्रदेश वाकई डिजिटली उत्तरप्रदेश को चरितार्थ कर रहा है। मात्र 6 साल पहले का उत्तर प्रदेश अलग था, आज उत्तरप्रदेश की 6 सालों में नई पहचान बन गई है।
पहले मुझसे आईटी क्षेत्र के निवेशकर्ताओं से एक बात सुनने को मिलती थी कि वो आंध्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र में निवेश करना चाहते थे, उन्हें लगता था कि वहां टेक्नोक्रेट और जमीन आसानी से मिल सकती है, लेकिन आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र और डाटा सेंटर निर्माण के परिणाम से ये पता चलता है कि पिछले 6 वर्षों में उत्तरप्रदेश द्वारा की गई सूचना प्रौद्योगिकी की ये यात्रा बहुत अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री का कहना है कि टेक्नोलॉजी से आम आदमी के जीवन मे बदलाव आना चाहिए।टेक्नोलॉजी से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए।
पिछले 30 वर्षों में भारत टेक्नोलॉजी का कन्ज़्यूमर बन चुका था,इसे अब टेक्नोलॉजी का प्रोड्यूसर बनना है। कुछ समय पहले प्रधानमंत्री द्वारा कही गई ये बातें आज शब्दशः सच साबित हो रही हैं। मुझे इस बात का भरोसा नही था कि भारत इस क्षेत्र में इतना ज्यादा आगे बढ़ जाएगा। लेकिन आज प्रधानमंत्री जी के निर्देशन भारत ने दुनिया को दिखा दिया। आज भारत 'टेक्नोलॉजी का कंज़्यूमर नहीं प्रोड्यूसर' बन गया है। 5 जी इसका उदहारण है। जिस तरह से उत्तरप्रदेश आईटी सेक्टर में कार्य कर रहा है,निश्चित है कि 'प्रोड्यूसर इंडिया का ग्रोथ इंजन भी उत्तरप्रदेश बनेगा'।
परिचर्चा में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश सरकार मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के साथ राज्यमंत्री, विज्ञान तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अजीत सिंह पाल ने भी सहभागिता की।