अफगानिस्तान पर UN की बैठक में विदेश मंत्री ने जताई चिंता, कहा- नाजुक व चुनौतीपूर्ण हालात, अंतराष्ट्रीय समुदाय से की ये अपील
संयुक्त राष्ट्र की हाई लेवल बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के भविष्य में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का सतत समर्थन किया है। अफगानिस्तान एक अहम और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। अफगानिस्तान के करीबी पड़ोसी के रूप में वहां के घटनाक्रम पर भारत नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, “गंभीर आपात स्थिति में भारत पहले की तरह अफगान लोगों के साथ खड़ा होने को तैयार है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सर्वोत्तम संभव, सक्षम वातावरण बनाने के लिए एक साथ आना चाहिए।”
विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के प्रति भारत का अपना दृष्टिकोण लोगों के साथ ऐतिहासिक मित्रता द्वारा निर्देशित रहा है। आगे भी ऐसा ही होता रहेगा। अतीत में भी, हमने समाज की मानवीय जरूरतों में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने वहां के सभी 34 प्रांतों में विकास से जुड़ी परियोजनाओं को स्थापित किया है। बिजली, जलापूíत, सड़क, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा से जुड़ी 500 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। भारत वहां तीन अरब डालर की परियोजनाएं लगा चुका है जो सीधे तौर पर अफगानिस्तान की जनता के जीवनस्तर को बेहतर बनाने से जुड़ी हुई हैं। पिछले दस वर्षो में भारत ने वहां 10 लाख टन गेहूं भेजा है। पिछले साल भी 75 हजार टन गेहूं भेजा गया था।
एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने हाल ही में आकलन किया है कि अफगानिस्तान में गरीबी का स्तर मौजूदा 72 फीसदी से बढ़कर 97 फीसदी होने का खतरा है। ऐसा होने पर क्षेत्रीय स्थिरता पर उसका त्रासदीपूर्ण असर होगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी बदलाव हुआ है। यात्रा और सुरक्षित आवाजाही का मुद्दा मानवीय सहायता में अवरोध बन सकता है जिसे तत्काल सुलझाया जाना चाहिए. जो लोग अफगानिस्तान में आना और बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें बिना किसी रुकावट के ऐसी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने सोमवार को अफगानिस्तान में मानवीय अभियान का समर्थन करने के लिए दो करोड़ अमेरिकी डालर के आवंटन की घोषणा की और कहा कि युद्धग्रस्त देश में ''वास्तविक'' अधिकारियों ने लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए सहयोग करने का ''वादा'' किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने विश्व समुदाय से 60 करोड़ डालर से अधिक की सहायता राशि अफगान लोगों को देने के लिए अपील की है।
बता दें कि यूएन की अफगानिस्तान पर हाई लेवल बैठक ऐसे समय में हुई जब देश में तालिबान अपनी कार्यवाहक सरकार का एलान कर चुका है। तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद महिलाओं के अधिकार और शांति की बात कही थी लेकिन वहां की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कोएजुकेशन पर बंदिश लगा दी गई है। अमेरिका द्वारा अपनी सेनाएं वापस बुलाए जाने के बाद अफगानिस्तान 20 साल पुरानी स्थिति में पहुंच गया है।