Advertisement
16 November 2019

यूपी के उन्नाव में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों और पुलिस में संघर्ष, लाठीचार्ज और पथराव

ANI

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के ट्रांस गंगा सिटी प्रोजेक्ट मामले में किसानों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया जिसमें पुलिस के साथ उनकी भिड़ंत हो गई। किसानों का आरोप है कि प्रोजक्ट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है। ट्रांस गंगा सिटी में प्रशासन का काम रोकने पहुंचे नाराज किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे स्थिति बिगड़ गई और विरोध में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें एडिशनल एसपी, सीओ सिटी समेत तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। किसानों ने कई वाहनों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और ट्रांस गंगा सिटी से दूर खदेड़ दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ट्रांस गंगा सिटी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शासन के आदेश पर किसानों का कब्जा हटाने पहुंची टीम ने पहले ग्रामीणों को काम में बाधा न पहुंचाने की नसीहत दी। ग्रामीण नहीं माने तो मौके पर भारी मात्रा में पीएसी और पुलिस तैनात किया गया। आंसू गैस के गोले मंगाए गए। करीब सवा दो बजे पुलिस ने ग्रामीणों को अलर्ट किया और उनको भगाने की कोशिश की। विरोध में ग्रामीण भी पीछे नहीं हटे और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

कई थानों की पुलिस बुलाई गई

Advertisement

इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठियां बरसाईं तो दहशत में आए गांव के लोगों ने पथराव किया और मौके से हट गए। पथराव में सीओ सिटी अंजनी कुमार राय और कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। पुलिस ग्रामीणों को ट्रांस गंगा सिटी से हटाने में कामयाब रही। हालांकि अभी भी गांव के लोग पुलिस को लेकर आक्रोशित हैं। एहतियात के तौर पर जिले के सभी थानों की पुलिस बुला ली गई है।

प्रशासन ने दी सफाई, लाठीचार्ज से किया इनकार

मामले में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने उन्नाव के डीएम देवेंद्र पांडेय की रिपोर्ट के आधार पर बताया कि लाठियां नहीं बरसायीं। अराजक तत्वों द्वारा पथराव किया गया। इसमें एडिशनल एसपी, सीओ सिटी और एक इंस्पेक्टर को चोट आई हैं। दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो कानपुर के रहने वाले हैं और लोगों को भड़का रहे थे। इनमें किसानों की संख्या बहुत कम है। अन्य लोग विवाद भड़का रहे हैं। स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्वक है।

किसानों का क्या कहना है

मामले में एक किसान ने बताया कि आंदोलन करीब ढाई साल से चल रहा है। यूपीएसआईडीसी ने गलत तरीके हमारी जमीन अधिग्रहित की। इसके बाद 2005 में बिना किसी समझौते के यूपीएसआईडीसी के नाम हमारी जमीन ट्रांसफर कर दी गई। जबकि पहला समझौता सन 2011 में हुआ। इस बीच में कमिश्नर लखनऊ का एक आदेश आया कि किसानों की जमीन गलत ढंग से अधिग्रहित की गई। इसलिए किसानों की जमीन किसानों को वापस कर दी जाए। हम यह चाहते हैं कि हमें उचित न्याय मिल जाए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Unnao, UP, farmers, police, clash, stone, pelting, three, policemen, injured, vehicles, vandalized
OUTLOOK 16 November, 2019
Advertisement