भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा पर गश्त फिर से शुरू करने पर हुए सहमत
भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त फिर से शुरू करने के लिए एक समझौते पर पहुँच गई है। इस बात की पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने की। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय और चीनी वार्ताकार इस पर संपर्क में हैं।
समझा जाता है कि यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त से संबंधित है। इस सफलता की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूसी शहर कज़ान की यात्रा से एक दिन पहले हुई है। हालांकि कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी उल्लेख किया है कि इस घटनाक्रम से सीमा पर सैनिकों की वापसी हो सकती है। मिसरी ने कथित तौर पर कहा, "पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे सैनिकों की वापसी हो रही है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न मुद्दों का समाधान हो रहा है।" पूर्वी लद्दाख सीमा पर 2020 में हुई झड़प के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए और अज्ञात संख्या में चीनी PLA हताहत हुए।