Advertisement
06 December 2024

भारत ने पाकिस्तान के समक्ष भगत सिंह के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियों की रिपोर्ट पर दर्ज कराया कड़ा विरोध: सरकार

file photo

भारत ने पाकिस्तान में भगत सिंह के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई रिपोर्टों पर गौर किया है और इस मुद्दे पर इस्लामाबाद के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है, सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा।

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि नई दिल्ली भी इस्लामाबाद के समक्ष "सांस्कृतिक विरासत पर हमलों, बढ़ती असहिष्णुता और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति सम्मान की कमी" से संबंधित मुद्दे उठा रहा है।

उन्होंने कहा, "भारत सरकार ने पाकिस्तान में शहीद भगत सिंह के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियों के बारे में हाल ही में आई रिपोर्टों पर गौर किया है और राजनयिक माध्यमों से इस घटना पर पाकिस्तान सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।" सिंह एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

Advertisement

मंत्री ने कहा कि सरकार और पूरा देश भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद भगत सिंह के अमूल्य योगदान को मान्यता देता है। पाकिस्तान की पंजाब सरकार के महाधिवक्ता असगर लेघारी ने पिछले महीने लाहौर उच्च न्यायालय में एक सुनवाई के दौरान कथित तौर पर भगत सिंह के विरुद्ध कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

उन्होंने कहा, "शहीद भगत सिंह की पुण्यतिथि हर साल भारत और विदेशों में मनाई जाती है।" एक अलग सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच इतिहास, संस्कृति, भाषा और कई अन्य समानताओं के गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध अपने आप में अलग हैं और बांग्लादेश के तीसरे देशों के साथ संबंधों से स्वतंत्र हैं।"

सिंह की यह टिप्पणी इस सवाल पर आई कि क्या सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के दृष्टिकोण में आए बदलाव पर ध्यान दिया है, क्योंकि वह पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, "भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध एक बहुआयामी साझेदारी रही है, जो व्यापार और निवेश में वृद्धि, बढ़ी हुई कनेक्टिविटी और लोगों के बीच अधिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाती है।" सिंह ने कहा कि सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों पर असर डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नज़र रखती है और इसे सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।

एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने अमेरिकी सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल नवंबर से अक्टूबर की अवधि के दौरान कुल 519 भारतीय नागरिकों को भारत भेजा गया। उन्होंने कहा, "अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) के अनुसार, जिन भारतीय नागरिकों को अमेरिका से भारत निर्वासित किया गया था, उन्हें निष्कासित करने का आदेश दिया गया था, क्योंकि सक्षम प्राधिकारियों ने उन्हें अमेरिका में रहने के लिए अनधिकृत घोषित कर दिया था।"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 06 December, 2024
Advertisement