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21 September 2021

भारत ने ब्रिटेन के सामने उठाया कोविशील्ड को मान्यता नहीं देने का मुद्दा, कहा- भेदभावपूर्ण है नई नीति

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एस्ट्रेजेनिका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से तैयार किए गए कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन की तरफ से मान्यता नहीं देने की भारत सरकार ने आपत्ति जताई है तथा इसे 'भेदभावपूर्ण नीति' करार दिया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड को लेकर भेदभावपूर्ण नीति के चलते ब्रिटेन जा रहे हमारे नागरिकों पर इसका असर पड़ रहा है। उऩ्होंने कहा कि मूल मुद्दा यह है कि यहां कोविशील्ड नामक एक टीका है, मूल निर्माता यूके है।  हमने यूके को उनके अनुरोध पर 50 लाख वैक्सीन खुराक प्रदान की है। इसका इस्तेमाल उनकी स्वास्थ्य प्रणाली एनएचएस  द्वारा किया गया है।

विदेश सचिव ने कहा कि कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण है। हमने अपने यूके समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया है।मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया गया है। हमने अपने सहयोगी देशों को टीकों की आपसी मान्यता की पेशकश की है.लेकिन ये पारस्परिक सहयोग से ही सम्भव है। अगर हमें संतुष्टि नहीं मिलती है तो हम पारस्परिक उपायों को लागू करने के अपने अधिकारों के लिए स्वतंत्र हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस के साथ अपनी बैठक के दौरान कोविड-19 संबंधी पृथक-वास के मामले के ‘‘शीघ्र समाधान’’ का आग्रह किया। जयशंकर और ट्रुस की बैठक ऐसे समय में हुई है, जब ब्रिटेन ने कोविड-19 संबंधी नए यात्रा प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसकी भारत ने तीखी आलोचना की है। नए नियमों के अनुसार, ब्रिटेन में यह माना जाएगा कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और उन्हें 10 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा।

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TAGS: India, recognizing, Covishield, Britain, policy, discriminatory
OUTLOOK 21 September, 2021
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