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20 May 2023

भारत संप्रभुता के सम्मान, अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के लिए हमेशा खड़ा रहता है : प्रधानमंत्री मोदी

पीटीआई

दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन के सैन्य विस्तार के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के समाचार पत्र ‘योमिउरी शिमबुन’ से एक साक्षात्कार में कहा कि जी7 और जी20 शिखर सम्मेलन वैश्विक सहयोग के लिए अहम मंच हैं। मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जापान के हिरोशिमा गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जी20 के अध्यक्ष के तौर पर मैं हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान ‘ग्लोबल साउथ’ के नजरिये एवं प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करूंगा। जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति शृंखला व्यवधान, आर्थिक सुधार, ऊर्जा अस्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा और शांति एवं सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जी7 और जी20 के बीच सहयोग को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।’’

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मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी दोनों देशों के संयुक्त प्रयासों को एक मजबूत आधार प्रदान करती है और इन मुद्दों पर वैश्विक सहयोग में योगदान देती है।

यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर प्रधानमंत्री के विचारों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर मतदान से भारत के दूर रहने एवं रूस से तेल आयात में वृद्धि को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रियाओं पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि भारत विवादों को हल करने के लिए बातचीत एवं कूटनीति की वकालत करता है और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रभावित लोगों की भलाई को प्राथमिकता देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत आक्रमण की निंदा करने संबंधी संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों से दूर रहा, लेकिन वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है और संयुक्त राष्ट्र में और उससे भी परे रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है।’’

यह पूछे जाने पर कि भारत दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन के सैन्य विस्तार और ताइवान जलडमरूमध्य में बढ़ते तनाव से कैसे निपटेगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय कानून एवं क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखा जा सके, मोदी ने कहा, ‘‘भारत संप्रभुता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के लिए खड़ा रहता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री से जब पूछा गया कि प्रमुख शक्तियों के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता को लेकर उनकी क्या राय है और वैश्विक शांति एवं स्थिरता हासिल करने के लिए भारत उनके साथ कैसे काम करेगा, उन्होंने कहा कि दुनिया को कोविड-19 वैश्विक महामारी, आपूर्ति शृंखलाओं में व्यवधान, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे विकासशील देश असमान रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

मोदी ने कहा कि भारत इन चिंताओं को दूर करने को प्राथमिकता देता है और जापान एवं अन्य भागीदारों के सहयोग से मानव-केंद्रित विकास पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य विभिन्न आवाजों के बीच एक पुल के रूप में काम करना और मानवता की बेहतरी के लिए साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित रचनात्मक एजेंडे को बढ़ावा देना है।

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TAGS: India stands for respecting sovereignty, adherence to international law, PM Narendra Modi, China's maritime assertiveness
OUTLOOK 20 May, 2023
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