महिलाओं को स्थायी कमीशन देने पर भारतीय सेना कर रही है विचार
भारतीय सेना महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के लिए "विशेष कैडर" प्रणाली बनाने की योजना बना रही है ताकि उन्हें विभिन्न गैर-लड़ाकू क्षेत्रों में तैनात किया जा सके। इसे शॉर्ट सर्विस कमीशन के मुद्दे को हल करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय सेना की छः शाखाओं को इसके लिए चिन्हित किया गया है। ताकि शॉर्ट सर्विस कमीशन की 10 + 4 की नौकरी पूरी होने के बाद भ्ाी महिलाएं इन शाखाओं में काम जारी रख सकें और वे जज एडवोकेट जनरल (जेएजी), इमेज इंटरप्रेटर, भाषा, साइबर और आईटी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सर्विस सिलेक्शन बोर्ड जैसी जगहों पर काम कर सकें।
सेवा में 10 साल पूरा करने के बाद, महिलाओं के पास या तो रिटायर होने या फिर चार साल और अतिरिक्त काम जारी रखने का ही विकल्प होता है। जबकि उनके पुरुष समकक्ष के पास सेवा में 10 साल पूरा होने के बाद स्थायी कमीशन का विकल्प भी होता है।
इससे पहले, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने युद्धभूमि में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिए महिला अधिकारियों की नियुक्ति की थी जिसमें कहा गया था कि सरकार महिलाओं की इस भूमिका के बारे में गंभीरता से सोच रही है।