Advertisement
26 November 2024

'दुनिया की फार्मेसी' की ओर भारत के बढ़ते कदम: दवाओं के उत्पादन में तीसरे स्थान पर, सस्ती में सबसे आगे

file photo

दवाओं के क्षेत्र में भारत विश्व शक्ति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियों ने उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता के साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों के साथ विश्व में यह छवि गढ़ी है और लगातार इस पर आगे बढ़ रही हैं। भारतीय फार्मा कंपनियों के बढ़ते रुतबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्व में कुल वैक्सीन की 60 प्रतिशत भारत से निर्यात की गईं। इसी प्रकार जेनरिक दवाओं में भी वैश्विक जरूरत का 20 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने भेजीं। भारत में फार्मा क्षेत्र 55 बिलियन डालर (4.0 लाख करोड़ रुपये से अधिक) का है।

यह जानकारी मंगलवार को टर नोएडा एक्सपो सेंटर में इन्फोर्मा मार्केट्स इंडिया द्वारा आयोजित सीपीएचआई और पी-मेक इंडिया के 17वें संस्करण में इन्फोर्मा मार्केट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि अमेरिका, यूएई, दक्षिण कोरिया, जापान और यूनाइटेड किंगडम सहित 120 से अधिक देशों के 2,000 से अधिक प्रदर्शकों और 50,000 से अधिक विज़िटर्स को एक साथ लाते हुए, यह एक्सपो नवाचार और सहयोग के लिए एक गतिशील केंद्र के रूप में कार्य करता है।

इस मौके पर मौजूद फार्मेक्सिल के महानिदेशक के राजा भानु ने बताया कि बताया कि विश्व में फार्मा क्षेत्र में नियम कायदे का पालन बहुत होता है। भारतीय कंपनियों ने भी अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया है और यही कारण है कि देश के फार्मा निर्यात का 55 प्रतिशत से अधिक भाग हम उन वैश्विक बाजारों में भेज सके हैं जहां नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है।

Advertisement

फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (फार्मेक्सिल) के अध्यक्ष डॉ वीरमानी ने बताया कि सीपीएचआई और पी-मेक इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म के साथ भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन करने के साथ, यह क्षेत्र परिवर्तनकारी वृद्धि के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि यह निर्यात वर्तमान 55 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 130 बिलियन डॉलर और 2047 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।"

विश्व पैकेजिंग संगठन (डब्ल्यूपीओ) के वैश्विक राजदूत एवीपीएस चक्रवर्ती ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग कैंसर के इलाज के लिए कार्टिसेल थेरेपी और दवा प्रतिरोधी रोगाणुओं से निपटने वाले एक क्रांतिकारी मैक्रोलाइड एंटीबायोटिक नैफिथ्रोमाइसिन जैसी प्रगति के माध्यम से अपनी अभिनव क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है। ये शोध भारत की सामर्थ्य और प्रभावकारिता में दोहरी ताकत को उजागर करते हैं, जो 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में इसकी भूमिका की पुष्टि करते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 26 November, 2024
Advertisement