‘इनोपैक फार्मा कॉन्फेक्स’ फार्मा पैकेजिंग क्षेत्र के नए इनोवेशन और अत्याधुनिक तकनीक को पेश करेगा
नई दिल्ली: इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया का डिविजन सीपीएचआई कॉन्फ्रैन्स इंडिया बेहद प्रभावशाली शो दर्शकों के लिए फिर से ला रहा है। वेस्ट फार्मा मुंबई के सहारा स्टार में 9 से 10 जून को 11वें सालाना ‘इनोपैक फार्मा कॉन्फेक्स’ का आयोजन करने जा रहे हैं। यह शो प्रदर्शनी, एवं छोटे-वैज्ञानिक सम्मेलनों का अनूठा संयोजन होगा जो फार्मा पैकेजिंग क्षेत्र के इनोवेशन्स, इस क्षेत्र के नए रूझानों और उन आधुनिक तकनीकों पर रोशनी डालेगा जो पैकेजिंग उद्योग में नए क्रान्तिकारी बदलाव ला रही हैं।
इनोपैक कॉन्फेक्स प्रदर्शकों के लिए बेहतरीन मंच है जिसके माध्यम से उन्हें फार्मास्युटिकल पैकेजिंग, लेबलिंग, ड्रग डिलीवरी डिवाइस डिज़ाइन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आधुनिक विकास कार्यों को दर्शाने का मौका मिलेगा। इससे कंपनियां भी ऐसे आधुनिक उत्पाद विकसित करने के लिए प्रोत्साहित होंगी, जो बाज़ार की उम्मीदों पर खरे उतर सकें। कॉन्फेक्स के दौरान दवाओं एवं डिवाइसेज़ की पैकेजिंग की सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से इस क्षेत्र में आधुनिक समाधानों के विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इन सत्रों में पैकेजिंग कार्यशालाएं, पैकेजिंग लीडर्स गोलमेज सम्मेलन शामिल हैं। इसके अलावा इंडिया पैकेजिंग अवॉर्ड्स के छठे संस्करण का आयोजन भी होगा। उम्मीद है कि कॉन्फेक्स में 50 से अधिक प्रदर्शक, 40 प्रवक्ता एवं विशेषज्ञ शामिल होंगे और पुरस्कारों के लिए 100 से अधिक नामांकन आएंगे।
11वें सालाना इनोपैक फार्मा कॉन्फेक्स की घोषणा करते हुए श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है कि, इनोपैक फार्मा कॉन्फेक्स फार्मास्युटिकल पैकेजिंग उद्योग पर ध्यान केन्द्रित करते हुए फिर से वापसी कर रहा है, उम्मीद है कि सरकारी प्रोत्साहनों एवं रीबेट प्रोग्रामों के चलते यह उद्योग 2030 तक 3 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। कॉन्फेक्स उद्योग जगत के हितधारकों को ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां उन्हें पैकेजिंग एवं प्रोसेसिंग की व्यापक रेंज देखने को मिलेगी। साथ ही वे विक्रेताओं के साथ बातचीत कर उद्योग की समस्याओं को समझ कर उसे हल करने का प्रयास कर सकेंगे।’
भारत में स्वास्थ्यसेवाओं के क्षेत्र में बहुत सी चुनौतियां हैं, इतनी बडी आबादी को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना इनमें से सबसे बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई सुधारों के बावजूद पुरानी बीमारियों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 20 फीसदी आबादी कम से कम एक गैर-संचारी रोग से पीड़ित है। एक अनुमान के अनुसार 2030 तक इन बीमारियों के उपचार में देश के 6.2 ट्रिलियन डॉलर खर्च हो जाएंगे। फार्मास्युटिकल कंपनियों में अनुसंधान एवं विकास के चलते भारत में फार्मास्युटिकल पैकेजिंग बाज़ार के विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
भारत सरकार ने घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए पीएलआई योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव स्कीम) शुरू की है। फार्मास्युटिकल पैकेजिंग में विनियमों तथा पैकेजिंग रीसायक्लिंग के मानकों के साथ देश में फार्मास्युटिकल पैकेजिंग बाज़ार तेज़ी से विकसित हो रहा है। भारतीय फार्मास्युटिकल पैकेजिंग का बाज़ार 2020 में 1434.1 मिलियन डॉलर का था, जिसके 2030 तक 3027.14 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। इस तरह 2021 से 2030 के बीच यह 7.54 फीसदी की दर से बढ़ेगा। कॉन्फेक्स को -- संगठनों एवं सरकारी एजेन्सियों का समर्थन प्राप्त है, इससे स्पष्ट है कि लॉकडाउन के बाद उद्योग तेज़ी से विकसित हो रहा है।