Advertisement
20 January 2017

ब्याज दरें कम और स्थिर हों : प्रणब

google

कोलकाता में बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन के तीसरे संस्करण में राष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रास्फीति काफी हद तक काबू में है। सभी मानकों तथा अध्ययनों के आधार पर यही सुझाव दिया जा रहा है कि ब्याज दरें और कम,  स्वीकार्य तथा स्थिर होनी चाहिए तभी संभावित निवेशकों को भारत और खासकर इस राज्य में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ठोस वित्तीय प्रबंधन की वजह से देश का चालू खाते का घाटा (कैड) कम हुआ है। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले दशक से लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि देश का राजकोषीय घाटा और चालू खाते का घाटा सुधरा है। राष्टपति ने कहा कि सभी वृहद आर्थिक मानदंड ठोस वित्तीय प्रबंधन, निवेशक अनुकूल नीतियों तथा संतोषजनक बाहरी कारकों की वजह से मजबूत हैं। हालांकि, परंपरागत निर्यात बाजार संकुचित जरूर हुआ है पर एशिया में अन्य निर्यात बाजारों में अपना स्थान बनाने में कामयाब रहा है।

मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले 10 साल से मजबूती दिखाई है। राष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है।

Advertisement

राष्टपति मुखर्जी ने कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही है। हालांकि, इस संकट से सभी विकसित अर्थव्यवस्थाओं को झटका लगा था। इसे बाद यूरो क्षेत्रा संकट आया। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि विश्व बैंक तथा अंतरराष्टीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर नीचे किया है।

 

मुखर्जी ने कहा कि भारत पर भी 2008 के संकट का असर पड़ा था और 2008-09 में इसकी वृद्धि दर प्रभावित हुई थी। 2008 के संकट से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था 9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही थी। पिछले एक दशक में हमारी राष्ट्रीय औसत वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही है। (एजेंसी)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: राष्ट्रपति, प्रणब, ब्याज, दर, कोलकाता
OUTLOOK 20 January, 2017
Advertisement