आइएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम ने पद के दुरुपयोग के आरोपों का खंडन किया
आइएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को सीबीआइ के आरोप से इन्कार किया है कि उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।
सीबीआइ के आरोप हास्यास्पद
जमानत याचिका पर सीबीआइ के जवाब पर अपने उत्तर में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हो चुका है। यह आरोप लगाना हास्यास्पद है कि वह फ्लाइट रिस्क हैं और कानूनी प्रक्रिया से बच सकते हैं। उन्होंने सीबीआइ के इस आरोप से भी इन्कार िकया है कि आइएनएक्स मीडिया केस में उनकी कथित भूमिका ने विश्वास तोड़ा है।
सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं
चिदंबरम ने अपने उत्तर में कहा कि यह आरोप गलत है कि देश के वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने पद का दुरुपयोग किया और सह साजिशकर्ताओं के साथ सांठगांठ की। इस मामले से सरकारी खजाने को भी किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। इस केस में कोई बैंक फ्रॉड, जमाकर्ताओं से धोखाधड़ी, पैसा चुराने या विदेश भेजने जैसा कुछ भी नहीं हुआ है। आइएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये एफडीआइ के तौर पर आए जो अनुमान्य अनुपात 46.21 फीसदी के भीतर है।
मुखर्जी दंपत्ति के बयान भरोसेमंद नहीं
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी के उनके खिलाफ बयानों को भरोसेमंद नहीं माना जा सकता है क्योंकि वे हत्या के मामले में आरोपी हैं।
सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध किया था
इस भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआइ ने कहा था कि आर्थिक अपराध का यह सबसे गंभीर मामला है और वित्तीय हेराफेरी और अपने पद का दुरुपयोग करने के कारण वह किसी भी तरह की राहत के योग्य नहीं हैं। जस्टिस सुरेश कायत चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई कर करेंगे।
पूर्व वित्त मंत्री पर जांच में सहयोग न देने का आरोप
सीबीआइ ने शुक्रवार को चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिए जवाब में कहा था कि उन्हें जमानत देना भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के खिला होगा। इससे भ्रष्टाचार मामलों में गलत परिपाटी भी शुरू होगी। सीबीआइ ने आरोप लगाया था कि पूर्व वित्त मंत्री जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे। वह सभी सबूतों को नकारते रहे और सभी सवालों को टालते रहे।
चिदंबर उस समय वित्त मंत्री थे जब फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआइपीबी) ने 2007 में आइएनएक्स मीडिया को एफडीआइ की अनुमति दी थी। आइएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये एफडीआइ की अनुमति देने में कथित अनियमितता के लिए सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है।