दिल्ली की कई गलियों में लगे लोहे के गेट, डर को बयान करती दंगा प्रभावित इलाकों की तस्वीरें
पिछले महीने दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाकों में हिंसा हुई। इस हिंसा के लगभग एक महीने बीते चुके हैं। अब इस इलाकों में रहने वाले लोगों ने गलियों में लोहे के गेट लगवाए हैं। यहां रहने वाले दोनों समुदायों ने भविष्य को लेकर संभावित घुसपैठियों और दंगाइयों से अपने इलाकों बचाने के लिए ऐसे कदम उठाए है। लेकिन, दंगा पीड़ित लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है। जो लोग अपने घरों से भाग गए थे वे एक महीने बाद अपने घरों में लौट रहे हैं। दंगाइयों द्वारा नष्ट किए गए घरों और दुकानों के मलबे फिर से उस वक्त को ताजा करने कोशिश करता हैं। गौरतलब है कि इस दंगे में 53 से अधिक लोग मारे गए जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए। दंगा प्रभावित मौजपुर और करावल नगर इलाकों के स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे बहुत डरे हुए हैं और मौका देने के लिए कुछ भी छोड़ना नहीं चाहते हैं।
तस्वीरों के माध्यम से हम इस चीज को समझ सकते हैं कि दंगाई-पीड़ित कैसे खुद के इलाकों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के मौजपुर इलाकों की एक गली में लगी लोहे की गेट
दिल्ली दंगा के बाद मौजपुर की एक और गली जिसमें स्थानीय लोगों ने लोहे का गेट लगाया लगाया
.करावल नगर की एक गली में लगा लोहे का गेट
सीलमपुर इलाके की एक गली में लगा लोहे का गेट