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09 July 2018

शरिया कोर्ट को लेकर भड़के सुब्रमण्‍यम स्‍वामी, कहा- ये देश को विभाजित करने की साजिश

ANI

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से देश के हर जिले में शरिया कोर्ट खोलने की इच्‍छा को भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने देश को विभाजित करने की साजिश करार दिया है। इससे पहले भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि भारत कोई इस्लामी गणराज्य नहीं है और कोर्ट कानून के अनुसार काम करेंगी।

ये अलगाव पैदा करने का एक तरीका है: स्वामी

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने कहा, 'यह देश को विभाजित करने और अलगाव पैदा करने का एक तरीका है। भारत में सिर्फ एक अदालत और एक कानून है। संविधान सुरक्षाबल का मार्गदर्शन कर रहा है और इसके बाहर कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा’।

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उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा कोई भी प्रयास किया जाता है, तो सरकार द्वारा दृढ़ता से इसे रोका जाना चाहिए। साथ ही इन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।'

मीनाक्षी लेखी ने भी जताया कड़ा विरोध 

भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'आप धार्मिक मामलों की चर्चा कर सकते हैं, लेकिन अदालतें कानून के अनुसार चलेंगी. ये इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ इंडिया नहीं है।' उन्होंने कहा कि शरीयत कोर्ट के लिए किसी भी जिले, गांव या शहर स्तर पर कोई जगह नहीं है।

भाजपा-कांग्रेस दोनों ने जताया विरोध

केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि कानून के दायरे में रहकर ही कोई अदालत खोली जा सकी है। ये पूरी तरह कानून के तहत होना चाहिए। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने भी ऐसी अदालतों की स्थापना की जरूरत को अस्वीकार किया है।

वहीं, ऐसी अदालत का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि किसी धर्म के विशेष प्रावधानों का हमेशा न्यायालय द्वारा ख्याल रखा जाता है और इसलिए किसी अन्य अदालत की आवश्यकता नहीं है।

जानें क्या है पूरा मामला

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने रविवार को कहा था कि वो वकीलों, न्यायाधीशों और आम लोगों को शरिया कानून से परिचित कराने के लिए कार्यक्रमों को और तेज करने पर विचार करेगा।

बोर्ड की कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जीलानी ने बताया था कि अब बदलते वक्त में यह जरूरत महसूस की जा रही है कि तफहीम-ए-शरीयत कमेटी को और सक्रिय करते हुए इसका दायरा बढ़ाया जाए।

उन्होंने कहा कि बोर्ड अब यह कोशिश कर रहा है कि हर जिले में शरिया कोर्ट हों, ताकि मुस्लिम लोग अपने शरिया मसलों को अन्य अदालतों में ले जाने के बजाय दारुल-कजा में सुलझाएं।

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TAGS: way of dividing, country, creating secession, S Swamy, Shariat courts, all districts, the nation
OUTLOOK 09 July, 2018
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