NDA उम्मीदवार की बड़ी जीत; जगदीप धनखड़ होंगे देश के नए उप-राष्ट्रपति, मिले 528 वोट, विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को केवल 182 मत
उपराष्ट्रपति चुनाव में एऩडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ जीत गए हैं। उऩ्होंने संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया है। यह घोषणा शनिवार देर शाम लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने की। धनखड़ को 528 वोट मिले हैं जबकि उनकी विरोधी मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले हैं। 15 सांसदों के वोट रद्द कर दिए गए। धनखड़ 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
लोकसभा महासचिव ने बताया कि राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों और लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों वाले 780 मतदाताओं में से 725 मतदाताओं ने अपने मत डाले। कुल 92.94 फीसदी वोट डाले गए।
धनखड़ की जीत लगभग तय थी क्योंकि संख्या उनके पक्ष में थी। बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के एकनाथ शिंदे के धड़े सहित कई गैर-एनडीए दलों ने उनका समर्थन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर उन्हें उपराष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को बधाई दी; उन्होंने ट्वीट किया, "उच्च सदन को उनके अनुभव और जमीनी मुद्दों की गहरी समझ से निश्चित रूप से फायदा होगा।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर जगदीप धनखड़ को बधाई दी; उनका लंबा सार्वजनिक जीवन, व्यापक अनुभव और लोगों के मुद्दों की गहरी समझ निश्चित रूप से राष्ट्र को लाभान्वित करेगी। मुझे विश्वास है कि वह एक असाधारण वीपी और आरएस अध्यक्ष बनेंगे।
विपक्ष की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने एनडीए के जगदीप धनखड़ को चुनाव जीतने पर बधाई दी; ट्वीट् कर कहा, "दुर्भाग्य से, कुछ विपक्षी दलों ने एकजुट विपक्ष के विचार को पटरी से उतारने की कोशिश में प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन करना चुना ... अपनी खुद की विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचाया।"
धनखड़ जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद से ही ममता बनर्जी सरकार के साथ लगातार तनातनी को लेकर सुर्खियों में थे। जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में हुआ था। धनखड़ ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव किठाना में की। बाद में उन्होंने पूरी छात्रवृत्ति पर सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में प्रवेश लिया। सैनिक स्कूल से स्नातक होने के बाद, उन्होंने बीएससी (ऑनर्स) भौतिकी पाठ्यक्रम में महाराजा कॉलेज, जयपुर में प्रवेश लिया।
धनखड़ ने फिर राजस्थान विश्वविद्यालय में एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। उन्होंने वर्ष 1978-79 में स्नातक किया और उसी वर्ष बार में एक वकील के रूप में नामांकित हुए। धनखड़ को 27 मार्च, 1990 को राजस्थान के उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था, और वह 2019 में राज्यपाल के रूप में अपनी नियुक्ति तक राजस्थान के वरिष्ठतम वरिष्ठ अधिवक्ता थे।
धनखड़ ने 1989 में राजनीति में कदम रखा और उसी वर्ष राजस्थान के झुंझुनू से लोकसभा के लिए चुने गए और 1990 में केंद्रीय मंत्री बने। धनखड़ 1993-98 के दौरान किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी थे।