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19 November 2019

जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल बिल को राज्यसभा से मंजूरी, कांग्रेस अध्यक्ष ट्रस्ट का हिस्सा नहीं

File Photo

जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल संशोधन बिल को मंगलवार को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही अब कांग्रेस अध्यक्ष इस ट्रस्ट के सदस्य नहीं रह पाएंगे। जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ऐक्ट, 1951 के तहत ट्रस्ट को मेमोरियल के निर्माण और प्रबंधन का अधिकार है। इसके अलावा इस ऐक्ट में ट्रस्टियों के चयन और उनके कार्यकाल के बारे में भी बताया गया है। अब तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष इस मेमोरियल के ट्रस्ट का पदेन सदस्य रहा है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब लोकसभा में नेता विपक्ष इस ट्रस्ट का हिस्सा होंगे।

कोई कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हो सकेगा इसका हिस्सा

कांग्रेस अध्यक्ष को पदेन सदस्यता से हटाने के चलते अब गांधी परिवार का कोई सदस्य इसका हिस्सा नहीं रहेगा। इससे पहले सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अब सोनिया के ही कांग्रेस अध्यक्ष बनने के चलते लंबे समय से गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य इस ट्रस्ट में शामिल रहता था। अब लोकसभा में नेता विपक्ष के तौर पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी सदस्य होंगे। सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान इस बिल को लोकसभा में पेश किया था, जिसे ध्वनिमत से पारित करा लिया गया था।

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बिना खड्ग-बिना ढाल नहीं पाई आजादी: सुधांशु त्रिवेदी

राज्यसभा में इस मसले पर बोलते हुए बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जलियांवाला बाग में हजारों लोगों ने बलिदान दिया था। उन्होंने कहा, 'भविष्य में यह नहीं कहा जाना चाहिए कि हमने आजादी बिना रक्त बहाए पाई है।' उन्होंने कहा कि हम कभी यह नहीं कहेंगे कि आजादी हमें बिना खड्ग और ढाल के मिल गई। आजादी का संघर्ष ही तब शुरू हुआ, जब हजारों लोगों ने गोलियां झेलीं और अपना खून बहाया।

पीएम होंगे ट्रस्ट के मुखिया, पंजाब के सीएम भी सदस्य

नए प्रावधानों में केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह ट्रस्ट के किसी मेंबर को उसका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा सकती है। इससे पहले 2006 में यूपीए सरकार ने ट्रस्ट के सदस्यों को 5 साल का तय कार्यकाल देने का प्रावधान किया था। फिलहाल पीएम नरेंद्र मोदी इस ट्रस्ट के मुखिया हैं। पीएम के अलावा फिलहाल इस ट्रस्ट में कांग्रेस प्रेजिडेंट राहुल गांधी, कल्चर मिनिस्टर और लोकसभा में नेता विपक्ष शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब के सीएम भी ट्रस्टी हैं।

क्या बदलेगा

जलियांवाला बाग नैशनल मेमोरियल ऐक्ट, 1951 के तहत ट्रस्ट को मेमोरियल के निर्माण और प्रबंधन का अधिकार है। इसके अलावा इस ऐक्ट में ट्रस्टियों के चयन और उनके कार्यकाल के बारे में भी बताया गया है। अब तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष इस मेमोरियल के ट्रस्ट का पदेन सदस्य रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब लोकसभा में नेता विपक्ष इस ट्रस्ट के पदेन सदस्य होंगे। सदन में विपक्ष का नेता न होने की स्थिति में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को यह जगह दी जाएगी।

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TAGS: Jallianwala bagh national memorial bill, rajya sabha, trust
OUTLOOK 19 November, 2019
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