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25 August 2019

राज्य सचिवालय की बिल्डिंग से हटाया गया जम्मू-कश्मीर का झंडा, अब सिर्फ तिरंगा

ANI

जम्मू कश्मीर में अब तक अलग निशान (झंडे) और अलग विधान की परंपरा चली आ रही थी। आर्टिकल 370 को खत्म करने के साथ अलग विधान को सरकार पहले ही खत्म कर चुकी है, अब वहां अलग निशान भी देखने को नहीं मिलेगा। इसी क्रम में रविवार को श्रीनगर स्थित राज्य सचिवालय की बिल्डिंग से जम्मू-कश्मीर का झंडा हटा दिया गया। अब सचिवालय पर सिर्फ तिरंगा दिखाई दे रहा है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी कुछ दिनों पहले तक दोनों झंडे लगे हुए थे। अधिकारियों के मुताबिक, अब राज्य सरकार से जुड़ी सभी इमारतों पर सिर्फ तिरंगा ही फहराया जाएगा। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद भारतीय दंड संहिता और भारत का पूरा संविधान जम्मू-कश्मीर पर भी लागू हो गया। आर्टिकल 370 हटने से पहले तक सचिवालय पर दोनों झंडे लगते थे। 

5 अगस्त को हुआ था फैसला

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5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले ही केंद्र सरकार पूरी तरह तैयार थी। समूचे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। राज्य के कई प्रमुख नेता अभी नजरबंद हैं। सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि जल्द ही इन नेताओं से बातचीत करके और उन्हें विश्वास में लेकर पूरे राज्य से पाबंदियां हटाई जा सकती हैं।

दो केंद्र शासित प्रदेश में बंटा जम्मू कश्मीर 

अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। दोनों केंद्र शासित प्रदेश बना दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी और वहां चुनाव भी कराए जाएंगे लेकिन लद्दाख चंडीगढ़ की तरह बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।

5 अगस्त से पहले तक जम्मू-कश्मीर को मिले थे ये विशेष अधिकार

1. जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती थी। इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था। यानी, वहां राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता था। अब यह व्यवस्था समाप्त हो गई है।

2. भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती थी। अब लागू है।

3. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। अब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित बना दिया गया है।

4. संविधान में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्व भी वहां लागू नहीं होते थे।

5. कश्मीर में अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलता था।

6. धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई जैसे महत्वपूर्ण कानून लागू नहीं होते थे।

7. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती थी।

8. जम्मू-कश्मीर का ध्वज अलग होता था। अब पूरे जम्मू-कश्मीर में सिर्फ तिरंगा झंडा ही लहराया जाएगा।

9. भारतीय संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार था लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र को राज्य की सरकार से अनुमोदन कराना पड़ता था।

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TAGS: Jammu And Kashmir, State flag, Civil Secretariat, SRINAGAR
OUTLOOK 25 August, 2019
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