चारा घोटाला मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज की लालू यादव की जमानत याचिका
झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से धन के गबन के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। वहीं, सीबीआई ने जमानत दिये जाने का विरोध किया।
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने लालू यादव की जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि अभी उन्होंने सीबीआई अदालत द्वारा दी गयी सजा की आधी अवधि न्यायिक हिरासत में पूरी नहीं की है। इससे पहले तीन बार उनकी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई टल चुकी थी। इससे पहले मामले में कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर सीबीआई को जवाब पेश करने को कहा था।
दिया था स्वास्थ्य का हवाला
लालू यादव ने जमानत के लिए बढ़ती उम्र और अपनी बीमारी का हवाला दिया था। उन्होने याचिका में कहा कि वह रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं। पिछले कुछ समय से उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है।
सीबीआई ने किया विरोध
सीबीआई अदालत ने लालू को इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत सात-सात वर्ष की कैद की सजा सुनायी है। यानि लालू यादव को कुल 14 वर्ष कैद की सजा सुनायी गयी है। जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि लालू प्रसाद ने मामले में केवल 22 माह ही जेल में बिताया है। ऐसे में सजा की आधी अवधि भी पूरी नहीं हो रही है।
लालू यादव चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता हैं और दिसंबर 2017 से जेल में हैं। रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्य) में उनका इलाज चल रहा है।