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20 November 2019

कमेटी से मिलने के बाद बोले जेएनयू छात्र- जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, जारी रहेगा प्रदर्शन

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों का विरोध लगातार जारी है। संसद मार्च के दौरान जेएनयू के नेत्रहीन छात्र पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शन करने वालों में अधिकतर नेत्रहीन छात्र हैं। इस दौरान दिल्ली पुलिस मुख्यालय की तरफ बढ़ रहे नेत्रहीन छात्रों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया और उन्हें बस में बैठाकर थाने ले गई। वहीं, आज जवाहर लाल यूनिवर्सिटी छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के कुछ सदस्यों की एचआरडी मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमेटी से मुलाकात भी की। हालांकि मंत्रालय की कमेटी से मिलने के बाद भी जेएनयू छात्र संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि प्रदर्शन जारी रहेगा। छात्रों की मांग है कि यूनिवर्सिटी द्वारा जो हॉस्टल फीस बढ़ाई गई है, उसे वापस लिया जाए। वहीं, जेएनयू के छात्र और शिक्षक कुलपति ममीडाला जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं।

'जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा'

इस मामले पर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की थी, जिस पर बुधवार को छात्र नेताओं ने मुलाकात की। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी समेत छात्र संघ के सभी 46 काउंसलर्स के साथ एमएचआरडी की तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बैठक हुई। बैठक को लेकर जेएनयूएसयू जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि बैठक जेएनयूएसयू और काउंसलरों के सभी 4 पदाधिकारियों के बीच थी। हमने उन्हें जेएनयू में संकट के बारे में जानकारी दी। हमें बताया गया कि हमारी मांगों को जल्द से जल्द लागू करने की सिफारिश की जाएगी। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

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जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों ने की कुलपति के इस्तीफे की मांग

आंदोलनकारी जेएनयू छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के एक दिन बाद यानी मंगलवार को  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस पर हमला बोला और कुलपति ममीडाला जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग की। मंगलवार को शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के प्रशासन ब्लॉक में गंगा ढाबा से मार्च निकाला और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान शिक्षकों के साथ वो छात्र भी थे जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शन का आयोजन किया था।

संसद मार्च के दौरान पुलिस की तरफ से किया गया बल प्रयोग, कई छात्र हुए घायल

इससे पहले जेएनयू में मंगलवार को छात्र संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून, महासचिव सतीश चंद्र यादव मौजूद थे। आईशी घोष ने कहा कि सोमवार को जेएनयू छात्रों ने छात्रवास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ शांतिपूर्वक संसद तक पैदल मार्च निकाला था, लेकिन पुलिस की तरफ से उनपर बल प्रयोग किया गया जिससे कई छात्र घायल हुए। पुलिस व केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए। साथ ही छात्रावास के नए नियमों व फीस बढ़ोतरी को वापस लिया जाए। छात्र व जेएनयू शिक्षक समुदाय का मानना है कि जेएनयू में संकट जैसे हालात का समाधान करने में कुलपति विफल रहे हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस के छात्र व काउंसलर शशि भूषण पांडेय ने कहा, सोमवार को अपनी मांगों के लिए संसद की ओर शांतिपूर्वक जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने मुझ पर हमला किया। मुङो बचाने के लिए कुछ छात्रों ने श्रृंखला भी बनाई, लेकिन वह भी घायल हो गए। एमफिल हंिदूी की छात्र अनिता के पैर में चोटें आईं।

पुलिस ने छात्रों के आरोपों को नकारा

अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी, एसीपी अनिल मित्तल ने कहा, अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली में धारा 144 लागू है। बार-बार बताने पर भी वह नहीं मान रहे थे। वह पुलिस के साथ लगातार धक्कामुक्की कर रहे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस को उकसाने की बैरिकेड फेक रहे थे, जिससे 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस ने दर्ज की दो प्राथमिकी

दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया, अर¨बदो मार्ग पर सोमवार को हंगामे के दौरान आइपीसी की धाराओं 186 (सरकारी कार्य में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला कर उसे ड्यूटी करने से रोकना), 332 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाना) व धारा 188 के तहत लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। जेएनयू प्रशासन ब्लॉक के विरूपण के मामले में शनिवार को भी अज्ञात आरोपितों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जेएनयू प्रशासन ने छात्रों व पुलिस के खिलाफ दायर की याचिका

हाई कोर्ट द्वारा प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर लगाई गई रोक के आदेश का उल्लंघन करने पर छात्रों व दिल्ली पुलिस के खिलाफ जेएनयू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें जेएनयू ने छात्रों व पुलिस के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने की मांग की है। साथ ही दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को जेएनयू में हो रहे घटनाक्रम को नियंत्रित करने में सहायता करने का निर्देश देने की मांग की।

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TAGS: JNU Fee Hike, Students, Teachers, Demand, Resignation, Vice-Chancellor, Student Protest, Delhi Police, Headquarters
OUTLOOK 20 November, 2019
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