जेएनयू ने 48 प्रोफेसरों को जारी किया कारण बताओ नोटिस, नीतियों के खिलाफ की थी हड़ताल
जेएनयू प्रशासन ने लागू की गयी नीतियों के खिलाफ 31 जुलाई को एक दिन की हड़ताल में कथित तौर रूप से शामिल होने पर 48 प्रोफेसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) की आयोजित एक बैठक में यह फैसला लिया गया। जेएनयू की प्रोफेसर आएशा किदवई ने कहा कि जारी किये गये नोटिस में शांतिपूर्ण हड़ताल की कार्रवाई को विश्वविद्यालय के कानूनों, नियमों का उल्लंघन बताया गया है। हम इस तरह के तरीके से बेहद परेशान हैं जिसमें विरोध के लोकतांत्रिक कृत्य को अनुशासनहीनता और गैरकानूनी कार्य के रूप में माना जा रहा है।
31 जुलाई को शिक्षकों ने हाथों में तख्तियां लेकर और काला बैज लगाकर प्रदर्शन किया था, जिसमें कुलपति के नीति निर्णयों को लेकर अपना विरोध व्यक्त किया था।
अटल के नाम पर होगा मैनेजमेंट का स्कूल
ईसी में यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि जेएनयू में अगले सेशन से शुरू हो रहे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट का नाम अटल के नाम पर रखा जाए। एचआरडी मिनिस्ट्री की नई फंडिंग स्कीम के तहत 'हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी' से फंडिंग के लिए अप्लाई किया जाएगा। हॉस्टल, रिसर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टूडेंट्स के लिए बाकी फैसिलिटी के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी की रेगुलर फैकल्टी के लिए अटेंडेंस का फैसला लिया गया।