Advertisement
19 January 2019

जेएनयू राजद्रोह मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा- बिना मंजूरी क्यों की दायर चार्जशीट

File Photo

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देशविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के खिलाफ बिना दिल्ली सरकार से मंजूरी लिए चार्जशीट दायर करने पर दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने फटकार लगाई है। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पूर्व छात्रों पर लगे राजद्रोह के मामले में पेश हुई चार्जशीट को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक दिल्ली सरकार चार्जशीट दायर करने की मंजूरी नहीं देती, तब तक हम इस पर संज्ञान नहीं लेंगे।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में जेएनयू मामले में 1200 पन्नों की दायर हुई चार्जशीट को लेकर शनिवार को कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि जब आपके पास कानून विभाग से मंजूरी ही नहीं है, तो आपने आरोप पत्र कैसे दायर कर दिया? इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम दस दिनों के भीतर इसकी मंजूरी ले लेंगे।

 बता दें कि राजद्रोह के मामले में सीआरपीसी (CRPC) के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता।

Advertisement

तीन साल पुराने मामले में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को 9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु और मकबूल भट्ट के फांसी के विरोध में एक प्रोग्राम आयोजित करने और देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है।

पुलिस ने उस समय दिल्ली के बसंत कुंज नार्थ थाने में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी थी। 

इन 10 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

पटियाला हाऊस कोर्ट में दाखिल 1,200 पन्नों की इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, राईए रसूल, बशीर भट और बशारत के अलावा शेहला राशिद और सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा को भी नामजद किया गया है। 

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चार्जशीट में सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शेहला राशिद समेत 36 अन्य नाम हैं। इनका नाम चार्जशीट के कॉलम 12 में है, क्योंकि इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। पटियाला कोर्ट में दायर चार्जशीट पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

क्या कहा गया है चार्जशीट में

इस मामले के तीन साल बाद दाखिल हुए इस चार्जशीट में कहा गया है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे 7 कश्मीरी छात्रों ने लगाए थे। इसमें कहा गया है कि उमर खालिद इन सभी आरोपियों के संपर्क में था और उसे कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में भी बुलाया गया था। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) के सेक्शन 124ए (राजद्रोह), 323 (जान-बूझकर की गई हिंसा), 465 (जालसाजी), 471 (नकली दस्तावेज का सही बताकर इस्तेमाल करना), 143, 149, 147 (दंगे की कोशिश), 120वीं (आपराधिक षडयंत्र) के तहत चार्जशीट दाखिल किया है।

चार्जशीट में कॉलम 12 में 36 आरोपियों का नाम है। इनमें छात्र संघ की नेता शेहला राशिद और सीपीआई सांसद डी राजा की बेटी अपराजिता राजा का भी नाम शामिल है। कन्हैया कुमार के खिलाफ नारे लगाने का कोई सबूत नहीं है लेकिन उन पर नारे लगाने वालों का समर्थन करने का आरोप है।

कन्हैया कुमार समेत अन्य पर ये हैं आरोप

कन्हैया समेत अन्य छात्र नेताओं पर दिल्ली स्थित जेएनयू परिसर में संसद हमले का दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप है। साथ ही, इन पर कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने की धाराओं में भी मामला दर्ज किया गया है। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा था कि यह मामला काफी पेचीदा है और इसके लिए पुलिस की अलग-अलग टीमों ने कई राज्यों का दौरा कर जांच की है। 

जेएनयू में कथित देश विरोधी नारेबाजी के खिलाफ खूब हंगामा हुआ था। यहां तक कि बीजेपी के नेताओं ने जेएनयू को देशद्रोहियों का अड्डा तक बताया था। कन्हैया की गिफ्तारी का भी उन दिनों काफी विरोध हुआ और कई छात्र संगठन इसके खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। हालांकि कन्हैया कुमार विभिन्न मंचों से दिल्ली पुलिस को इस केस में चार्जशीट दाखिल करने की चुनौती दे चुके हैं।

मैं पुलिस और मोदी जी को धन्‍यवाद देना चाहूंगा: कन्हैया कुमार 

चार्जशीट दायर होने से पहले कन्‍हैया कुमार ने क‍हा था, 'अगर यह खबर सच है कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो रही है तो मैं पुलिस और मोदी जी को धन्‍यवाद देना चाहूंगा। मामले में 3 साल बाद और चुनावों से ठीक पहले चार्जशीट दाखिल होना दर्शाता है कि यह राजनीति से प्रेरित है। मुझे देश की न्‍यायपालिका पर विश्‍वास है।'

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: JNU sedition case, Delhi Court, Police, don't have approval from legal department, why did you file chargesheet?'
OUTLOOK 19 January, 2019
Advertisement