जेएनयू में फिर भिड़े छात्र संगठन, आइशी घोष ने एबीवीपी पर लगाया हमले का आरोप, मारपीट में कई घायल
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार को छात्र संगठनों के फिर मारपीट का मामला सामने आया है। एबीवीपी की जेएनयू यूनिट ने दावा किया है कि रविवार देर रात हुई इस मारपीट में उनके कई कार्यकर्ता बुरी तरह से घायल हुए हैं। वहीं, जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की नेता आइशी घोष ने हमले के लिए एबीवीपी पर आरोप लगाया है।
हादसे के बाद स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की नेता और जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने ट्वीट कर बयान जारी कर कहा, 'एबीवीपी के गुंडों ने जेएनयू में आज हिंसा फैलाई। बार-बार इन अपराधियों ने छात्रों पर हिंसा की है और कैंपस लोकतंत्र को बाधित किया है। क्या जेएनयू प्रशासन अब भी चुप रहेगा? क्या गुंडों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी?' इसके साथ ही उन्होंने हमले में घायल छात्रों की तस्वीरें भी शेयर की।
ABVP'S GOONS UNLEASHED VIOLENCE IN JNU TODAY.
Time and again these criminals have unleashed violence on students and have disrupted campus democracy.
AdvertisementWill the JNU Administration still be silent ? Will no actions be taken on the goons ?
Photos of students attacked today. pic.twitter.com/ZnkjZ10Vhq
— Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) November 14, 2021
वहीं, एबीवीपी द्वारा जारी बयान के मुताबिक लेफ्ट छात्रों द्वारा किए गए हमले में एबीवीपी के कई छात्र बुरी घायल हुए हैं, जिसमें महिला छात्र भी शामिल हैं और गंभीर रूप से घायल छात्रों का एम्स में इलाज करवाया जा रहा है।
एबीवीपी के मुताबिक जेएनयू के स्टूडेंट एक्टिविटी रूम में उनकी बैठक हो रही थी, जिसके विरोध में रविवार रात 9 बज कर 45 मिनट पर लेफ्ट के छात्र वहां पहुंच गए और एबीवीपी की मीटिंग का विरोध करने के बाद लेफ्ट के छात्रों ने मारपीट की।
बता दें कि जेएनयू में कोई पहली बार हिंसा नहीं हुई। जेएनयू पहले भी विवाद रहा है। इससे पहले 6 जनवरी 2020 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने लेफ्ट संगठनों को मारपीट का जिम्मेदार ठहराया है। जेएनयू में पढ़नेवाले कुछ छात्र मीडिया के सामने आए। ये एबीवीपी के सदस्य थे। उन्होंने लेफ्ट संगठनों पर मारपीट के आरोप लगाए। छात्र ने कहा कि लड़ाई विंटर सेशन के लिए रजिस्ट्रेशन को लेकर थी। छात्र के मुताबिक, पीस मार्च के बहाने 700 लोग (लेफ्ट संगठनों के) एकत्रित हो गए थे और उन्होंने ही सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाया ताकि रजिस्ट्रेशन बाधित हो जाए।