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09 January 2020

राष्ट्रपति भवन जा रहे जेएनयू छात्रों को पुलिस ने रोका, सरकार वीसी को नहीं हटाएगी

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बीते रविवार छात्रों के बीच हुई हिंसा के विरोध में राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे छात्रों और शिक्षकों को पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। इस बीच, मानव संसाधन सचिव अमित खरे ने जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार को पद से हटाने की मांग को खारिज करते कहा कि वीसी का हटाना समस्या का समाधान नहीं है।

ट्रैफिक जाम करने पर लाठी चार्ज

जनपथ में ट्रैफिक जाम कर रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज भी किया। पुलिस ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपीलें भी कर रही थी। राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने से पहले शिक्षकों ने मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) तक पैदल मार्च किया, वहीं छात्रों का मार्च मंडी हाउस से जंतर-मंतर की ओर गया। छात्रों और अध्यापकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एचआरडी मंत्रालय में इस मुद्दे की जांच को लेकर मुलाकात की। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन और टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय के अधिकारियों से जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार को पद से हटाने की मांग की। मंडी हाउस में धारा 144 लागू होने के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र और अध्यापक वहां पहुंच गए। मार्च में जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल हुए।

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एचआरडी मंत्रालय फिर वीसी से बात करेगा

उधर, मानव संसाधन सचिव ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी से जेएनयू के वीसी से शुक्रवार को दोबारा बात करेंगे। छात्रों ने दावा किया कि संशोधन फीस लागू नहीं की जा रही है। इस मुद्दे पर मंत्रालय वीसी से विचार िवमर्श करेंगे। मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा कि वीसी को हटाने से समस्या से समाधान नहीं होगा। मंत्रालय के अधिकारी जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन से भी बात करेंगे।

फीस वृद्धि वापस नहीं होगी

इस बीच, जेएनयू के वीसी प्रो. एम. जगदीश कुमार का कहना है कि वे फीस वृद्धि को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने 5 जनवरी को हुई हिंसा की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी के गठन की भी बात कही जो इस मामले को देखेगी।

कैंपस में सख्त पहरा

मार्च को देखते हुए पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी है। कैंपस के बाहर और अंदर दोनों जगहों पर सुरक्षा दल तैनात हैं। सख्ती का आलम यह है कि जेएनयू परिसर में मीडिया कर्मियों को भी जाने की इजाजत नहीं है।

रजिस्ट्रेशन को लेकर भड़की थी हिंसा

विरोध मार्च में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, वृंदा कारत, शरद यादव, डी. राजा समेत दूसरे विपक्षी दलों के नेता छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुए। छात्रों ने पुलिस पर कथित गुंडों के साथ मिलकर जेएनयू में हंगामा करवाने का आरोप लगाया है। पिछले कई दिनों से जेएनयू में पढ़ाई बाधित है। गौरतलब है कि जेएनयू में परीक्षा के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन को रोकने को लेकर हिंसा हुई। छात्रों का आरोप है कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने दूसरे छात्रों को न सिर्फ रजिस्ट्रेशन से रोका बल्कि सर्वर रूम में तोड़फोड़ भी की।  

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TAGS: JNU, students, Rashtrapati Bhavan, Fee hike
OUTLOOK 09 January, 2020
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