जोशीमठ: आपात स्थिति में कोई भी निर्णय लेने के लिए सीएम अधिकृत, जाने क्या हैं धामी कैबिनेट के अहम फैसले
देहरादून। जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। आपात स्थिति में कोई भी फैसला लेने के लिए सीएम धामी को अधिकृत कर दिया गया है।
बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि आपदा प्रभावितों के लिए प्रति व्यक्ति कुल 1.5 लाख आवंटित करने के लिए 45 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है। जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों ( कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम - गौख सेलंग, ग्राम - ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास हेतु चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के उपरान्त प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। तय किया गया कि भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दी जाए। जो व्यक्ति किराये के मकान पर निवास करते हैं। उन्हें अधिकतम 6 माह के लिये पांच हजार प्रतिमाह दिए जाएं। जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो बारे में सीएम को अधिकृत किया गया।
सीएस ने बताया कि राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने हेतु एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार वास्तवित व्यय अथवा 950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नहीं है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन हेतु प्रतिदिन 450 धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी।
सीएस ने बताया कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं में से M/S WAPCOS Limited Gurugram को टो-इरोजन तथा भू - धसाव / भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ईपीसी मोड में कराने पर निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डीपीआर तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके उपरान्त उनकी भूमि तथा निर्मित भवन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के बारे में एक सप्ताह में पैकेज तैयार कर केंद्र सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिए गएष आजीविका का प्रभावित परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी।
इसके अलावा तय किय गया है नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किए जाएंगे। सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का केंद्र सरकार से किया जाए। राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है। विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।