बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट की जज बेला एम त्रिवेदी ने दूसरी बार केस की सुनवाई से खुद को किया अलग
सुप्रीम कोर्ट में बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई को लेकर सुनवाई करने वाली बेंच से जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने खुद को अलग कर लिया। बता दें कि जस्टिस बेला त्रिवेदी ने पिछले महीने भी बानो की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या की शिकार बिलकिस बानो की याचिका पर सुनवाई से एक बार फिर खुद को अलग कर लिया।
गौरतलब है कि बानो 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी जब गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के दंगों से भागते समय उसके साथ गैंगरेप किया गया था। मारे गए परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को महाराष्ट्र की एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उनकी सजा को बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोग 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से बाहर चले गए, जब गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत उन्हें रिहा करने की अनुमति दी। वे जेल में 15 साल से ज्यादा का समय पूरा कर चुके थे।