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12 April 2018

रोस्टर पर सुनवाई करने से जस्टिस चेलमेश्वर का इनकार

file photo

सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस जे चेलमेश्वर ने गुरुवार को एक बार फिर सर्वोच्च न्यायालल के कामकाज को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने विभिन्न पीठों को केसों के बंटवारे करने (मास्टर ऑफ रोस्टर)  पर दिशा-निर्देश तय किए जाने की पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश देने में इनकार कर दिया। कहा कि कोई लगातार मेरे खिलाफ अभियान चला रहा है, जैसे मानो मुझे कुछ हासिल करना है।

उऩ्होंने कहा कि मैं शांति भूषण की याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहूंगा, इसके कारण एकदम स्पष्ट हैं। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि वह नहीं चाहते कि अगले 24 घंटे में उनके आदेश को फिर से पलटा जाए।  उन्होंने कहा कि यह देश अपना रास्ता खुद तय करेगा लेकिन मैं इस जनहित याचिका की सुनवाई नहीं कर सकता, इसके लिए मैं माफी चाहता हूं। कृपया आप मेरी परेशानी समझें। जब अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने यह कहा कि उनके पिता शांति भूषण की जनहित याचिका सूचीबद्ध नहीं की गई है तब जस्टिस चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी की।

जस्टिस चेलमेश्वर द्वारा इस मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार करने के बाद प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के समक्ष किया। उनकी शिकायत पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले पर गौर करेंगे। 

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जस्टिस चेलमेश्वर की इस तरह की टिप्पणी उनके और जस्टिस जोसेफ कूरियन द्वारा हाल में लिखी गई दो चिट्ठियों के बाद आई है।

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TAGS: Justice Chelameswar, supreme court, anguish, refuses, pil, allocation, cases
OUTLOOK 12 April, 2018
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