कश्मीर में जनमत संग्रह के बयान पर कमल हासन ने कहा- संदर्भ से हटकर पेश की गई बात
ऐक्टर से राजनेता बने कमल हासन ने कश्मीर में जनमत संग्रह का सवाल उठाया था। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि वह जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रही है? हालांकि बाद में विवाद होने पर उन्होंने सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया। उनकी पार्टी मक्कल नीधि मइयम की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पार्टी अध्यक्ष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। बयान में कहा गया कि पार्टी यह मानती है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
'सैनिकों को क्यों मरना चाहिए'
कमल हासन पुलवामा में हुए आतंकी हमले से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा, 'मुझे अफसोस होता है जब लोग कहते हैं कि आर्मी कश्मीर में शहीद होने के लिए जाती है।' चेन्नै में एक सभा को संबोधित करते हुए मक्कल निधि मय्यम नेता ने कहा कि सैनिकों को क्यों मरना चाहिए? हमारे घर के वॉचमैन को भी क्यों मरना चाहिए? अगर दोनों देशों के राजनेता ठीक तरह से बर्ताव करें तो किसी भी सैनिक को शहीद होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लाइन ऑफ कंट्रोल अंडर कंट्रोल रहेगा।
'हमें ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए'
हासन ने पीओके को आजाद कश्मीर बताते हुए कहा कि आजाद कश्मीर में लोग जिहादियों की तस्वीरें ट्रेनों में लगा रहे हैं और उन्हें हीरो की तरह दिखा रहे हैं। यह भी एक बेवकूफी भरा काम है। भारत भी ऐसी ही मूर्खतापूर्ण चीजें कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम भारत को एक बेहतर देश साबित करना चाहते हैं तो हमें ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए। इस दौरान हासन ने कश्मीर में जनमत संग्रह की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि वहां जनमत संग्रह कराएं और लोगों से बात करें। वे लोग ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? आखिर वे किससे डरते हैं?