कार्ति और तीन दिन के लिए सीबीआइ हिरासत में भेजे गए
आइएनएक्स मीडिया घोटाले के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत ने आज और तीन दिन के लिए सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया है। कार्ति की जमानत याचिका पर अब नौ मार्च को सुनवाई होगी।
#KartiChidambaram sent to 3 more days of CBI custody by Special CBI court. #INXMediaCase pic.twitter.com/Lsv4kvNH0c
— ANI (@ANI) March 6, 2018
Arguments on #KartiChidambram's bail plea to be held on 9th March. #INXMediaCase
— ANI (@ANI) March 6, 2018
इससे पहले सीबीआइ ने पांच दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद कार्ति चिदंबरम को विशेष जज सुनील राणा की अदालत में पेश कर उनकी हिरासत नौ दिन और बढ़ाने का आग्रह किया था। कार्ति चिदंबरम ने अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। सीबीआइ ने कार्ति की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि जांच अभी महत्वपूर्ण मोड़ पर है। साथ ही विस्तृत जवाब दायर करने के लिए समय भी मांगा गया है। सीबीआई ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों से संपर्क किया गया है और मामले में सबूत मिटाने के प्रयास हुए हैं।
सीबीआई के तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुसार मेहता ने कहा कि इंद्राणी मु्खर्जी का बयान हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सबूत है लेकिन यह एकमात्र नहीं है। उन्होंने कहा कि मोबाइल जब्त होने के बाद यदि आरोपी यह कहे कि वह पासवर्ड नहीं देगा आप भाड़ में जाओ, तो यह भी सहयोग नहीं करना ही है। इतना ही नहीं वह हर सवाल के जवाब में सिर्फ यही कहते हैं कि वह राजनीतिक साजिश के शिकार हुए हैं। सीबीआई ने अदालत से कहा कि आइएनएक्स मीडिया मामले में कुछ नए खुलासे हुए हैं जिन्हें उजागर नहीं किया जा सकता।
Indrani Mukharjea's statement is one of the evidences for us, but it's not the sole one: Tushar Mehta, counsel for CBI
— ANI (@ANI) 6 मार्च 2018
जबकि कार्ति के वकील अभिषेक मनी सिंघवी ने कहा कि सीबीआई हर हाल में कार्ति को हिरासत में रखना चाहती है, कार्ति सहयोग कर रहे हैं और वह नहीं कह रहे जो सीबीआइ सुनना चाहती है। सिंघवी ने कहा कि यदि कार्ति बोल नहीं रहे तो इसका मतलब यह नहीं है कि जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्ति को आगे हिरासत में दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है।
Argued CBI hasn't given a single ground or written a single reason in its application for further remand. #KartiChidambram only had a 25-minute long confrontation with Indrani Mukerjea &around 2 hrs long interrogation in last 5 days & there is no need of further custody:A Singhvi pic.twitter.com/38Lm70RSH1
— ANI (@ANI) 6 मार्च 2018
जांच एजेंसी ने मामले में पिछले छह दिन की जांच से जुड़े कुछ दस्तावेज बंद लिफाफे में अदालत के समक्ष पेश किए। अदालत ने कार्ति चिदंबरम को उनके पिता एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनकी मां नलिनी चिदंबरम से 10 मिनट के लिए मिलने की अनुमति दी।
कार्ति को पांच दिन की हिरासत के दौरान मुंबई ले जाया गया था। वहां मामले के सिलसिले में बायकुला जेल में उनका सामना इंद्राणी मुखर्जी से कराया गया था। अदालत ने सीबीआई को कार्ति से पूछताछ के लिए पांच दिन की हिरासत की मंजूरी दी थी।
आज जब कार्ति को कोर्ट में लाया गया तो वहां उनके पिता पी चिदंबरम और नलिनी चिदंबरम भी पहुंचे थे।
P Chidambaram and Nalini Chidambaram outside Delhi's Patiala House Court. #KartiChidambram has been sent to 3 more days of CBI Custody by Special CBI Court in #INXMediaCase. pic.twitter.com/u7Lx18TFcD
— ANI (@ANI) 6 मार्च 2018
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट से आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आज राहत नहीं मिली। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च तय की है।
कार्ति की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल इस मामले में अंतरिम राहत के लिए कोर्ट में उपस्थित हुए।
सिब्बल ने कहा कि हम जांच एजेंसी के साथ मामले में हर तरह से सहयोग को तैयार हैं और हमने पहले भी ऐसा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम ( पीएमएलए) के तहत पंजीकृत मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस भी जारी किया। कार्ति ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उनके खिलाफ जांच कर रहा है।
गौरतलब है कि कार्ति फिलहाल छह मार्च तक सीबीआई की हिरासत में हैं। उन्हें 28 फरवरी को लंदन से चेन्नई हवाई अड्डे पर उतरते वक्त सीबीआइ ने गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें दिल्ली लाया गया था। कार्ति आइएनएक्स मीडिया में करीब 350 करोड़ रुपये के निवेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलाने के लिए कमीशन लेने के आरोप में फंसे हैं। उस वक्त उनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।