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23 October 2019

कठुआ गैंगरेप केस की जांच करने वाली SIT के सदस्यों पर जम्मू कोर्ट ने दिया FIR करने का आदेश

file Photo

पिछले साल जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय एक बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने इस मामले की जांच कर जम्मू कश्मीर पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम के के छह सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

अदालत ने पुलिस को एसआईटी के उन 6 सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के निर्देश दिए जिन्होंने इस मामले की जांच की थी। इन पर आरोप है कि 2018 में 8 साल की एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के आरोप में गवाहों को झूठे बयान देने के लिए शोषण किया और उन्हें विवश किया।

एसआईटी के सदस्यों पर ये है आरोप

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इस मामले में आरोपी के डिफेंस वकील अंकुर शर्मा ने कहा कि जम्मू में अदालत ने एसआईटी के सभी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है जो रसाना मामले की जांच कर रहे थे। एसएसपी जम्मू को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और 7 नवंबर से पहले अनुपालन रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। अंकुर शर्मा के मुताबिक, प्रथम दृष्टि में अदालत इस बात से संतुष्ट है कि क्राइम ब्रांच ने हिरासत में यातना, झूठे साक्ष्य, आपराधिक धमकी, अवैध कारावास और कई अन्य गंभीर अपराधों का उल्लंघन किया है।

मामले के गवाह के आवेदन पर कोर्ट ने एसएसपी को दिया निर्देश

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रेम सागर ने मामले के गवाह रहे सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा के एक आवेदन पर जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देश देते हुए कहा कि छह के खिलाफ संज्ञेय अपराध बनता है। अदालत ने तत्कालीन एसएसपी आरके जल्ला (अब सेवानिवृत्त), एएसपी पीरजादा नावेद, पुलिस उपाधीक्षक शतम्बरी शर्मा और निसार हुसैन, पुलिस की अपराध शाखा के उप-निरीक्षक उर्फन वानी और केवल किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।

11 नवंबर को अगली सुनवाई

कोर्ट ने मामले में 11 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख तक अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा है। इस साल जून में जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने 3 मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि मामले में सबूत नष्ट करने के लिए तीन अन्य को 5 साल जेल की सजा सुनाई थी। राज्य में तत्कालीन पीडीपी-भाजपा सरकार के कुछ कैबिनेट मंत्रियों द्वारा आरोपियों के लिए खुला समर्थन करने के बाद मुकदमे को पठानकोट में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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TAGS: Kathua Rape-Murder Case, Jammu Court, Orders, J&K Police, File FIR, Against SIT Members
OUTLOOK 23 October, 2019
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