केरल को फिर से बनाने के लिए चाहिए 30 हजार करोड़: राज्य के वित्त मंत्री
सदी की भयंकरतम तबाही से जूझ रहे केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक ने कहा कि राज्य को उबरने और इसके पुनर्निर्माण के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है।
राशि को अलग-अलग मदों में किया जाएगा खर्च;
वित्त मंत्री के अनुसार राज्य को 20 हजार करोड़ की आवश्यकता पूंजी व्यय के रूप में है जबकि राजस्व खर्च के लिए 10 हजार करोड़ की जरुरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस राशि को अलग-अलग साधनों से इकठ्ठा करने की हर संभव कोशिश की जाएगी।
पूंजीगत व्यय को सड़कों, पुलों, इमारतों आदि के निर्माण में खर्च किया जाएगा जबकि राजस्व व्यय खेती में हुए नुकसान में और प्रत्येक पीड़ित परिवार को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने में इस्तेमाल किया जाएगा।
कहां से और कैसे आएगी राशि;
6000 हजार रुपयों सार्वजनिक योगदान से आने की उम्मीद है तो 4000 करोड़ की राशि केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं जैसे मनरेगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीवका मिशन से आएगी। शेष 20 हजार करोड़ की राशि के लिए राज्य केंद्र से कहेगा।
लॉटरी टिकट से भी राशि जुटाने की कोशिश;
इसके अलावा सोमवार को वित्त मंत्री ने स्पेशल लॉटरी जारी की, जिसके एक टिकट की कीमत 250 रुपये रखी गई है। आगामी 3 अक्टूबर को इस लॉटरी का ड्रॉ निकाला जाएगा, सरकार इससे 100 करोड़ की राशि जुटाने की उम्मीद कर रही है।
देश भर से लोगों ने भेजे हैं एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपये;
केरल बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देश की जनता और कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा 1,026 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा कराई जा चुकी है। जबकि केंद्र की तरफ से 600 करोड़ एक मुश्त देने की घोषणा की गई है। कुछ दिन तक की जानकारी के अनुसार पूरे देश से 4.76 लाख लोगों ने केरल की तरफ अपनी मदद का हाथ बढ़ाते हुए दान दिया है। इसमें इलैक्ट्रॉनिक पेमेंट का इस्तेमाल करते हुए 145.17 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं जबकि 46.04 करोड़ रुपये यूपीआई के जरिए भेजा गया है।
न्यायापालिका और राज्य की विधायिकाएं भी कर रही हैं मदद;
इससे पहले चीफ जस्टिस ने भी केरल बाढ़ राहत कोष में योगदान करने की घोषणा की थी। इसके अलावा कई राज्य केरल की मदद के लिए आगे आ रहे हैं कई मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने अपनी एक महीने की सैलरी केरल को दान करने का फैसला लिया है। हर कोई हर संभव मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा है।