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18 December 2018

‘प्यार’ के चक्कर में बिना वीजा पाकिस्तान जा पहुंचा था हामिद, वतन वापसी के लिए मां-बाप को बेचना पड़ा घर

File Photo

पाकिस्तानी लड़की से ऑनलाइन चैट के बाद हुई मोहब्बत ने मुंबई में वर्सोवा के रहने वाले हामिद नेहाल अंसारी को 2012 में बिना वीजा पाकिस्तान पहुंचा दिया। अंसारी बिना वीजा अपने प्यार से मिलने पाकिस्तान जा पहुंचे। उनकी इस नादानी की सजा उन्हें भारतीय जासूस के तमगे के रूप में मिली थी। तीन साल पेशावर जेल में काटने के बाद हामिद मंगलवार को अपने वतन भारत लौट रहे हैं। हामिद को लेने के लिए उनके माता-पिता और भाई अटारी बॉर्डर पहुंचे हैं।

सीमा लांघकर पाकिस्तानी गर्लफ्रेंड से मिलने पहुंचे हामिद

हामिद को 2012 में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट ने फर्जी पाकिस्तानी पहचान-पत्र रखने के आरोप में 15 दिसंबर, 2015 को उसे तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। दरअसल, काबुल से नौकरी का ऑफर आने की बात कहकर हामिद नवंबर 2012 में मुंबई से अफगानिस्तान गया था। इसके बाद वह फर्जी पहचान पत्र दिखाकर पाकिस्तान पहुंचा और एक लॉज में रुका। उसकी गर्लफ्रेंड ने ही उसके रुकने का इंतजाम किया था। 12 नवंबर को भारतीय जासूस होने के आरोप में हामिद को इसी लॉज से गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फर्जी पहचान पत्र उन्हें पाकिस्तानी गर्ल फ्रेंड ने ही भेजा था।

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पाकिस्तान की हाईकोर्ट में खुद को बेकसूर बताया था

पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट के फैसले के खिलाफ हामिद ने वहां की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को बेकसूर बताया था। अगस्त 2018 में कोर्ट ने हामिद की याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, गृह मंत्रालय ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि हामिद की तीन साल की सजा पूरी होने के बाद उन्हें 15 दिसंबर को रिहा कर दिया जाएगा।

वह एक अच्छे मकसद के साथ गया था लेकिन फिर अचानक गायब हो गया

इस पूरे मामले पर हामिद की मां फौजिया का कहना है कि वह एक अच्छे मकसद के साथ गया था लेकिन फिर अचानक गायब हो गया। बेटे हामिद के बारे में फौजिया बताती हैं, 'कुछ दिनों तक वह गायब रहा और बाद में उसे पकड़ लिया और झूठे आरोपों में फंसा दिया गया। उसे बिना वीजा वहां नहीं जाना चाहिए था। उसकी रिहाई इंसानियत की जीत है।' हामिद की मां फौजिया मुंबई में एक कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल हैं।

आज भी अपनी उस प्रेमिका से नहीं मिल पाए हामिद

बताया जा रहा है कि 26 वर्षीय हामिद आज भी अपनी उस प्रेमिका से नहीं मिल पाए हैं। उस लड़की के घरवालों ने उसकी दूसरी जगह शादी कर दी थी।  

सजा पूरी करने के बाद वतन वापसी

बेटे हामिद की वतन वापसी के लिए परिवारवाले तमाम राजनेताओं के दर पर पहुंचे। इस बीच मामला केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास पहुंचा, जिन्होंने पाकिस्तान के सामने इस मुद्दे को उठाया। तमाम कोशिशों के बाद दोनों ही मुल्कों के कई लोगों ने मिलकर कोर्ट के सामने यह साबित किया कि हामिद पाकिस्तान में अवैध तरीके से जरूर दाखिल हुआ है लेकिन वह जासूस नहीं है।

कोर्ट ने गलत ढंग से मुल्क में दाखिल होने के लिए हामिद को तीन साल की सजा सुनाई थी, जो अब पूरी हो चुकी है। वह अब घर लौट रहा है।

बेटे के लिए बेचना पड़ा मकान, छोड़नी पड़ी नौकरी

हामिद का परिवार वर्सोवा मेट्रो स्टेशन के पास रहता है। हामिद के माता-पिता को बेटे को बचाने की कोशिशें करते हुए अपना पुश्तैनी घर बेचकर दिल्ली आना पड़ा ताकि वे हर हफ्ते पाकिस्तानी उच्चायोग जाकर बेटे के केस के लिए गुहार लगा सकें। पिता नेहाल ने बैंक की नौकरी छोड़ दी।

 

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OUTLOOK 18 December, 2018
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