Advertisement
14 February 2025

कोट्टायम रैगिंग: विपक्षी यूडीएफ ने एसएफआई के आरोपियों से संबंध होने का लगाया आरोप, सरकार ने सख्त कार्रवाई का किया वादा

file photo

कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी यूडीएफ ने शुक्रवार को दावा किया कि कोट्टायम सरकारी नर्सिंग कॉलेज रैगिंग मामले के आरोपियों का वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई से संबंध है। इस बीच, केरल मानवाधिकार आयोग ने घटना के संबंध में खुद ही मामला दर्ज करने के बाद जांच के आदेश दिए हैं।

रिपोर्टरों से बात करते हुए, विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने आरोप लगाया कि कोट्टायम रैगिंग मामले के आरोपी स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य हैं और केरल सरकार नर्सिंग छात्र संघ (केजीएनएसए) का वामपंथी छात्र संगठन से संबंध है। हालांकि, उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु और स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि कोट्टायम रैगिंग घटना के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सतीसन ने कहा, "हर कोई जानता है कि वे एसएफआई कार्यकर्ता हैं, फिर भी वे अब इससे इनकार कर रहे हैं।" आरोप है कि आरोपी केजीएनएसए से जुड़े हैं, जो कि वामपंथी समर्थक संगठन है और उनमें से एक संगठन में अहम पद पर है। हालांकि, एसएफआई ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि उसका आरोपियों से कोई संबंध नहीं है।

Advertisement

एसएफआई पर निशाना साधते हुए सतीशन ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल वायनाड के पूकोडे में पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान महाविद्यालय में एक छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के कारण हुई मौत में उसके नेता और सदस्य शामिल थे। उन्होंने कहा, "पूकोडे रैगिंग मामले में एसएफआई सदस्यों पर आरोप लगे थे, फिर भी उन्हें परीक्षा में बैठने दिया गया, जबकि पीड़ित के परिवार को ही नुकसान उठाना पड़ा।" उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोट्टायम में नर्सिंग छात्रा की क्रूर रैगिंग में शामिल छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें कॉलेज से निलंबन के अलावा जिम्मेदार लोगों को अधिकतम संभव सजा सुनिश्चित की जाएगी।" पत्रकारों से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की टीम स्थिति का आकलन करने के लिए पहले ही कॉलेज का दौरा कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि क्या वरिष्ठ छात्र अधिकारियों की जानकारी के बिना प्रथम वर्ष के छात्रों के कमरों में घुस रहे थे। इस घटना को "गंभीर" बताते हुए उन्होंने कहा कि क्रूर कृत्य के दृश्य "बहुत परेशान करने वाले" थे। जॉर्ज ने आगे कहा कि केरल ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट है, उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी परिस्थिति में गलत काम को उचित नहीं ठहराया जा सकता, चाहे इसमें कोई भी शामिल हो।

मंत्री बिंदु ने यह भी कहा कि सरकार ने अधिकारियों को इस घटना में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और आरोपियों को मामले में "अधिकतम सजा" मिलेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि यह घटना केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के तहत एक संस्थान में हुई थी, इसलिए सीधे सरकारी हस्तक्षेप की सीमाएं हैं। मंत्री ने बच्चों में "व्यवहार संबंधी विकारों के बढ़ते प्रचलन" पर भी प्रकाश डाला और इस मुद्दे को हल करने के लिए सामूहिक "सामाजिक प्रयासों" की आवश्यकता पर बल दिया।

केरल राज्य मानवाधिकार आयोग के न्यायिक सदस्य के बैजुनाथ ने कोट्टायम जिला पुलिस प्रमुख को जांच करने और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। आयोग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल को भी स्पष्टीकरण दाखिल करना होगा और आयोग कोट्टायम में अपनी अगली बैठक में मामले पर विचार करेगा।

इस बीच, चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा नियुक्त एक टीम ने कॉलेज का दौरा किया और जांच की। सूत्रों ने बताया कि जांच दल का नेतृत्व नर्सिंग शिक्षा के उप निदेशक कर रहे हैं। शुक्रवार को छात्र संगठनों एबीवीपी, केएसयू और एसएफआई ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कोट्टायम सरकारी नर्सिंग कॉलेज तक मार्च निकाला।

एसएफआई नेताओं ने दोहराया कि संगठन का इस घटना से कोई संबंध नहीं है और कहा कि यह क्रूर कृत्य आपराधिक मानसिकता वाले व्यक्तियों के एक समूह द्वारा किया गया था। इससे पहले, गुरुवार को सरकारी नर्सिंग कॉलेज में एक जूनियर छात्र की क्रूर रैगिंग के विचलित करने वाले दृश्य सामने आए, जिसमें पीड़ित को एक खाट से बांधा गया और बार-बार कंपास से छेदा गया।

गांधीनगर पुलिस द्वारा प्राप्त फुटेज के अनुसार, पीड़ित को अर्धनग्न कर दिया गया और उसके साथ भयानक कृत्य किए गए, जिसमें उसे खाट से बांधने के बाद उसके निजी अंगों पर डंबल रखना और उसके मुंह में फेशियल क्रीम डालना शामिल था। यह दुर्व्यवहार लड़कों के छात्रावास में हुआ, जिसमें प्रथम वर्ष के नर्सिंग छात्रों को निशाना बनाया गया। इस मामले में पांच तीसरे वर्ष के छात्रों- सैमुअल जॉनसन (20), राहुल राज (22), जीव (18), रिजिल जीत (20) और विवेक (21) को गिरफ्तार किया गया। सरकारी मेडिकल कॉलेज के तहत संचालित नर्सिंग संस्थान में लगभग तीन महीने से रैगिंग चल रही थी, इसकी शिकायत के बाद रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 118(1) (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों का उपयोग करके चोट पहुंचाना), 308(2) (जबरन वसूली के लिए दंड) और 351(1) (आपराधिक धमकी) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए छात्र फिलहाल जिला जेल में हैं, जहां उन्हें रिमांड पर लिया है। शिकायत के अनुसार, रैगिंग की शुरुआत पिछले साल नवंबर में हुई थी। शिकायत में यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ छात्र नियमित रूप से रविवार को जूनियर छात्रों से शराब खरीदने के लिए पैसे वसूलते थे और अक्सर उनके साथ मारपीट करते थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 14 February, 2025
Advertisement