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26 December 2016

कुलकर्णी ने 2047 से पहले भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश महासंघ बनाने की वकालत की

गूगल

कुलकर्णी ने पीटीआई भाषा को बताया, 2017 में भारत और पाकिस्तान अपनी आजादी की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, ऐसे में दोनों देशों को नये साल में अपने रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में प्रयास तेज करना चाहिए।

मुंबई स्थित विशेषज्ञों की संस्था ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख कुलकर्णी ने बताया, भविष्य की पीढ़ियों के लिए यह साबित करने की उनकी जिम्मेदारी है कि उनके संबंध हमेशा अविश्वास, उग्रता और संघर्ष से घिरे नहीं रह सकते।

स्तंभकार और स्वतंत्र-सामाजिक कार्यकर्ता कुलकर्णी ने कहा, 1947 में भारत का रक्तिम विभाजन हुआ और पाकिस्तान का निर्माण आधारहीन और विषाक्त द्विराष्ट सिद्धांत के आधार पर किया गया था जो बहुत ही अप्राकृतिक था। क्योंकि यह अप्राकृतिक था ऐसे में जाहिरा तौर पर बांग्लादेश की मुक्ति के साथ 1971 में पाकिस्तान को स्वयं रक्तिम विभाजन का सामना करना पड़ा।

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कुलकर्णी ने कहा, इन दो विभाजनों से इन तीनों देशों के लिए कई सारी समस्याएं खड़ी हो गयी। पार्टी में 16 साल तक रहने के बाद 2013 में भाजपा से इस्तीफा देने वाले कुलकर्णी ने कहा, भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश का अस्तित्व तीन अलग, स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में है। यह एक वास्तविकता है जिसे बदला नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा, विभाजन को बदला नहीं जा सकता। लेकिन इसके नकारात्मक परिणाम को कम किया जा सकता है और यह काम भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकारों और लोगों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए। शुरूआत में भारत और पाकिस्तान को लंबे समय से लंबित पड़े कश्मीर विवाद का समाधान ढूंढने के लिए सौहार्दपूर्ण, शांतिपूर्ण और समझौता आधारित निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।

उन्होंने कहा,  ऐसा होने के लिए पाकिस्तान को पूरी तरह से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना पड़ेगा और अपनी धरती से धार्मिक कट्टरता को शह देना बंद करना पड़ेगा।

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TAGS: Sudheendra Kulkarni, new book, mooted the idea, establishing an India-Pakistan-Bangladesh confederation
OUTLOOK 26 December, 2016
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