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11 November 2022

लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई का मामला पुरानी पीठ को भेजा जाए

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा लखीमपुर खीरी हिंसा से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जमानत की मांग करने वाली याचिका को उन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए जो पहले इस मामले से निपट चुके है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को मामले को उचित पीठ के समक्ष रखने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश से आदेश प्राप्त करने का निर्देश दिया।

18 अप्रैल 2022 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने मामले में आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था।

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जजों ने कहा था कि आशीष को जमानत देकर पीड़ितों को निष्पक्ष सुनवाई से वंचित किया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सबूत के बारे में अदूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाया। न्यायमूर्ति रमण तब से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अदालत ने प्रासंगिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए तीन महीने के भीतर निष्पक्ष, और तय मापदंडों को ध्यान में रखते हुए नए फैसले के लिए जमानत आवेदन को लौटा दिया था।

बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 26 जुलाई को मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत ने छह सितंबर को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। मिश्रा ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस घटना में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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TAGS: Lakhimpur Kheri violence, SC, Supreme Court, Ashish Mishra, bail plea, judges, dealt with matter earlier
OUTLOOK 11 November, 2022
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