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28 May 2023

उत्तराखंड: हिंदुत्व की तेजी

अगले लोकसभा चुनाव की बेला जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की अगुआई में भाजपा सरकार हिंदुत्व की ओर तेज-तेज कदम बढ़ाने लगी है। सूबे में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया जा चुका है।समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार हो रहा है। यह अलग बात है कि यह राज्य नहीं, केंद्र के अधिकार क्षेत्र का मामला है। ऐसे ही एजेंडे के तहत फिलहाल प्रदेश भर में कथित मजार जिहाद के खिलाफ अभियान चल रहा है और अब तक चार सौ से अधिक अवैध मजारों को ढहाया जा चुका है। यूं सरकार के अतिक्रमण विरोधी अभियान की जद में दो दर्जन के करीब मंदिर भी आए हैं। अब जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बात भी शुरू की जा चुकी है (यह भी केंद्र का ही अधिकार क्षेत्र है)।

 

दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मुस्लिम युनिवर्सिटी को मुद्दा बनाया था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में इसका जिक्र किया था। भाजपा को 70 में 47 सीटें मिल गईं। उस वक्त सियासी गलियारों में चर्चा तेज रही थी कि भाजपा को वोटों के ध्रुवीकरण से खासी सफलता मिली।

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इसलिए शायद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए वैसी ही रणनीति भाजपा को मुफीद लग रही है। उससे पहले भाजपा को निकाय चुनाव में भी उतरना है। सरकार कॉमन सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर चुकी है। यह समिति लोगों से सुझाव ले रही है। कमेटी का कार्यकाल 30 जून तक बढ़ाया जा चुका है। सरकार की कोशिश है कि विधानसभा के आने वाले सत्र में इस ड्राफ्ट को सदन में पारित करा लिया जाए।

 

राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अब तक कई एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। बाहर से आने वालों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। अब यह भी तय कर लिया गया है कि हर किसी को राज्य में जमीन खरीदने की अनुमति नहीं होगी। जमीन खरीदने से पहले उसके प्रस्ताव का परीक्षण कराया जाना है। धामी सरकार यहीं रुकती नहीं दिख रही है। सरकार का कहना है कि सूबे में जनसंख्या नियंत्रण कानून की दरकार है क्योंकि यूपी की सीमा से लगे चार मैदानी जिलों में समस्या बहुत अधिक हो गई है और यह समस्या पहाड़ी जिलों की तरफ भी बढ़ रही है।

 

राज्य में पिछले एक महीने से लैंड जिहाद या यूं कहें कि मजार ज‌िहाद का मुद्दा छाया हुआ है। अचानक ही सूबे में वन क्षेत्रों और अन्य सरकारी जमीनों पर मजारों का मुद्दा उठ खड़ा हुआ। सरकार ने वन और राजस्व महकमों के अफसरान को निर्देश दिया कि ऐसे अवैध स्थानों को चिन्हित किया जाए। सैटेलाइट से मैपिंग कराई गई, तो पता चला कि सूबे में एक हजार से ज्यादा इस तरह की मजारें हैं। ये मजारें न केवल सूदूर पर्वतीय अंचलों में हैं, बल्कि जिम कार्बेट नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व, आरक्षित वन जैसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी हैं।

 

सरकार ने इस बारे में तैयार की गई रिपोर्ट को गंभीरता ने लिया और इस तरह के सभी अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दिया। अब तक राज्य भर में लगभग चार सौ से ज्यादा अवैध मजारें ढहाई जा चुकी हैं। सरकार का मानना है कि उत्तराखंड में लैंड जिहाद के खिलाफ प्रहार जरूरी हो गया है। सरकार इसके खिलाफ एक सख्त कानून लाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आउटलुक से कहा, “षड्यंत्र के तहत यहां मजार जिहाद हुआ है। तीन सौ से ज्यादा मजारें हटा दी गई हैं। इनमें कोई मानव अवशेष नहीं मिला। ये मजारें जनमानस के साथ धोखा हैं। उत्तराखंड में लैंड जिहाद करने वाले तत्वों को यहां से बाहर खदेड़ना होगा और इसके लिए मैं स्वयं संकल्प ले चुका हूं।”

 

सरकार ने जब अवैध निर्माण का सर्वे कराया तो पाया कि लैंड जिहाद के तहत राज्य की 23 नदियों के किनारे वन भूमि पर अवैध रूप से बड़ी भारी संख्या में लोगों ने कब्जे किए हुए हैं। अब उन्हें भी हटाया जा रहा है। विकास नगर क्षेत्र में तो एक बस्ती को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है कि जो भी सरकारी जमीन पर कब्जा करेगा उस पर गैंगस्टर और रासुका जैसे कठोर कानून लगाए जाएंगे।

 

कर्नाटक में तो हिंदुत्व का मुद्दा नहीं चला, मगर भाजपा की कोशिश है कि हिंदी पट्टी में इसकी लौ जलाए रखी जाए। किसी और सकारात्मक मुद्दे के अभाव में चुनावी लिहाज से भाजपा के लिए ऐसा करना जरूरी भी है और मजबूरी भी।

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TAGS: Uttarakhand news, pushakar Dhami, hindutava politics, uttarakhand land encroachment, land jihad, mazar, uniform civil code,
OUTLOOK 28 May, 2023
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