Advertisement
18 May 2025

भारत में बड़े हमलों में शामिल लश्कर आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में मारा गया; 2006 में RSS मुख्यालय पर रची थी हमले की साजिश

file photo

लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रमुख आतंकवादी रजाउल्लाह निजामनी खालिद उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद, जो 2006 में आरएसएस मुख्यालय पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता था, को रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया।

अधिकारियों ने बताया कि खालिद 2000 के दशक की शुरुआत में नेपाल से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी अभियानों का नेतृत्व करता था और उसके कई उपनाम थे जिनमें विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्लाह शामिल थे। उन्होंने बताया कि वह भारत में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था।

अधिकारियों ने बताया कि वह आज दोपहर मतली स्थित अपने घर से निकले थे और सिंध प्रांत के बदनी में एक क्रॉसिंग के पास हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। लश्कर के अबू अनस का करीबी सहयोगी खालिद नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए थे।

Advertisement

आरएसएस हमले के अलावा, लश्कर का यह आतंकवादी 2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकवादी हमले में भी शामिल था, जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी मारे गए थे और चार अन्य घायल हो गए थे। आतंकवादी घटनास्थल से भाग निकले थे। बाद में पुलिस ने मामले की जांच की और अबू अनस के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, जो अभी भी फरार है।

खालिद 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ शिविर पर हुए घातक हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सात जवान और एक नागरिक मारे गए थे। दोनों आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।

2000 के दशक के मध्य से, खालिद लश्कर-ए-तैयबा के नेपाल मॉड्यूल का प्रभारी था, जो कैडरों की भर्ती, वित्तीय और रसद सहायता प्रदान करने और भारत-नेपाल सीमा पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए जिम्मेदार था।

खालिद लश्कर-ए-तैयबा के तथाकथित "लांचिंग कमांडरों" - आजम चीमा उर्फ बाबाजी और याकूब (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य लेखाकार) के साथ मिलकर काम कर रहा था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के बाद खालिद नेपाल छोड़कर पाकिस्तान लौट आया। बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के कई नेताओं के साथ मिलकर काम किया, जिनमें जम्मू-कश्मीर के लिए लश्कर-ए-तैयबा कमांडर यूसुफ मुजम्मिल, मुजम्मिल इकबाल हाशमी और मुहम्मद यूसुफ तैबी शामिल थे।

खालिद को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा नेतृत्व द्वारा सिंध के बादिन और हैदराबाद जिलों से नए कार्यकर्ताओं की भर्ती करने और संगठन के लिए धन इकट्ठा करने का काम सौंपा गया था। सिंध से प्राप्त मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गोली लगने के बाद खालिद को अस्पताल ले जाते समय मृत घोषित कर दिया गया। इन रिपोर्टों में इसे व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला भी बताया गया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 18 May, 2025
Advertisement