Advertisement
18 September 2017

राजकीय सम्मान के साथ मार्शल अर्जन सिंह को दी गई अंतिम विदाई, मनमोहन और आडवाणी रहे मौजूद

साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय वायु सेना के जांबाज मार्शल अर्जन सिंह को सोमवार को अंतिम विदाई दी गई। उन्‍हें 21 तोपों की सलामी दी गई और फ्लाई पास्‍ट का आयोजन भी किया गया। मार्शल अर्जन सिंह के निवास स्‍थान से पार्थिव शरीर को बरार स्क्वायर लाया गया था, जहां उन्‍हें मुखाग्नि दी गई। वहीं, अर्जन सिंह के सम्मान में नई दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों पर लगा राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।

इससे पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने बरार स्क्वायर पहुंचकर मार्शल अर्जन को श्रद्धांजलि दी। वहीं, इससे पहले रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके घर जाकर अर्जन सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। 

इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा, थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री और पूर्व थलसेना प्रमुख वीके सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह में शामिल हैं।

Advertisement

वहीं, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने शोक संदेश में अर्जन सिंह को भारतीय नौसेना का 'आइकन' बताया और 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उनके योगदान का याद किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्जन सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें उत्कृष्ट सैनिक और राजनयिक बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उनके निधन से सेना ने अगुआ और नेतृत्व करने वाली रोशनी को खो दिया है।

मार्शल अर्जन सिंह का शनिवार को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 98 साल के थे। वह वायुसेना एकमात्र अधिकारी थे, जिन्हें फाइव स्टार रैंक दिया गया था। उन्हें 44 वर्ष की आयु में ही भारतीय वायुसेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

कौन थे अर्जन सिंह

अर्जन सिंह को 1 अगस्त 1964 को वायुसेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पहले वायुसेना प्रमुख थे जिन्हें पायलट रहते हुए सीएएस (चीफ ऑफ एयर स्टाफ) नियुक्त किया गया था। 1969 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्ति पर, उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। भारतीय वायु सेना ने उनकी सेवाओं के सम्मान में उन्हें जनवरी 2002 में वायु सेना के मार्शल रैंक से सम्मानित किया और उन्हें देश का पहला और एकमात्र 5 स्टार रैंक ऑफिसर बनाया गया।


 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Last rites, Marshal Arjan Singh, Delhi, Brar Square
OUTLOOK 18 September, 2017
Advertisement