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13 June 2018

पंचतत्व में विलीन हुए भय्यूजी महाराज, बेटी ने दी मुखाग्नि, नहीं पहुंचे कई बड़े नेता

File Photo

आध्यात्मिक संत भय्यूजी महाराज की बुधवार को अंत्येष्टि कर दी गई। उनकी बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई बड़े नेताओं के पहुंचने की चर्चा थी पर एक केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ही इंदौर पहुंचे। भय्यू जी महाराज ने कथित तौर पर गोली मारकर मंगलवार को अपने घर में खुदकुशी कर ली। उनकी मौत की सूचना के बाद देर रात तक श्रद्धांजलि का सिलसिला चलता रहा।

बुधवार को भय्यू महाराज के पार्थिव देह को बेटी कुहू ने मुखाग्नि दी। इससे पहले उनकी शवयात्रा हजारों भक्तों के साथ मुक्तिधाम पहुंची, जहां शास्त्रोक्त विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। जिस गाड़ी में भय्यूजी महाराज की पार्थिव देह को रखा गया था उसको फूलों से सजाया गया था। उनकी पार्थिव देह को बॉम्बे हॉस्पिटल से उनके निवास स्थान स्कीम नंबर 74 स्थित आवास 'शिवनेरी' में लाया गया। यहां से भय्यूजी महाराज के पार्थिव शरीर को सुखलिया स्थित आश्रम 'सूर्योदय' में ले जाया गया।

राजनीतिक हस्तियों ने की शिरकत

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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले श्रद्धांजलि देने इंदौर के बापट चौराहा स्थित सूर्योदय आश्रम पहुंचे। इस दौरान अठावले कहा कि बाबा साहब आम्बेडकर के प्रति भय्यू महाराज की अगाध श्रद्धा थी। उनके असामयिक निधन से देश को क्षति हुई। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ओएसडी श्रीकांत सहित कई नामी-गिरामी हस्तियों ने भय्यू महाराज के आश्रम पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले, उनके पार्थिव शरीर को इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में रखा गया था।

इसी कड़ी में भय्यूजी महाराज के अंतिम दर्शन करने के लिए ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे पहुंची। कांग्रेस नेता शोभा ओझा अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचीं। वहीं जिस महिला से रेस्टोरेंट में भय्यूजी महाराज से मिले थे उससे पुलिस ने पूछताछ की है। बता दें कि सूर्योदय आश्रम से उनकी अंतिम यात्रा भमोरी स्थित श्मशान घाट के लिए निकली है।जिस गाड़ी में भय्यू महाराज का शव ले जाया जा रहा उसे फूलों से सजाया गया। 

कौन थे भय्यूजी महाराज

1968 में जन्मे भय्यूजी महाराज का मूल नाम उदयसिंह देशमुख है। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। वह पहले फैशन डिजाइनर थे और बाद में अध्यात्म की ओर मुड़ गए थे। उन्होंने कभी कपड़ों के एक ब्रांड के विज्ञापन के लिए मॉडलिंग भी की थी। इंदौर में बापट चौराहे पर उनका आश्रम है। यहीं से वे अपने सद्गुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट के कार्यों और सामाजिक गतिविधियां का संचालन करते थे।

भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी माधवी का नवंबर 2015 में पुणे में निधन हो चुका है। माधवी से उन्हें एक बेटी हुई जिसका नाम कुहू है जो फिलहाल पुणे में पढ़ाई कर रही है। भय्यूजी महाराज ने 30 अप्रैल 2017 को मध्यप्रदेश के शिवपुरी की डॉक्टर आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। आयुषी उनके आश्रम में कई सालों से सेवाओं में समर्पित हैं।

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TAGS: Last rites, bhaiyyuji maharaj, indore, funeral
OUTLOOK 13 June, 2018
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