Advertisement
21 May 2025

छुट्टियों में वकील काम नहीं करना चाहते, लेकिन लंबित मामलों का दोष न्यायपालिका पर: प्रधान न्यायाधीश

भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने बुधवार को कहा कि छुट्टी वाले दिनों में वकील काम नहीं करना चाहते लेकिन मामलों के लंबित रहने के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराया जाता है।

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ उस समय नाराज हो गई जब एक वकील ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद याचिका को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘प्रथम पांच न्यायाधीश छुट्टियों के दौरान बैठे हैं और काम कर रहे हैं, फिर भी लंबित मामलों के लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जाता है। असलियत में, वकील हैं जो छुट्टियों के दौरान काम करने के लिए तैयार नहीं होते।’’

Advertisement

शीर्ष अदालत ने हाल में उन पीठों के संबंध में अधिसूचना जारी की थी जो आगामी ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान 26 मई से 13 जुलाई तक काम करेंगी। इन्हें ‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवस’ कहा गया है।

इन आंशिक न्यायालय कार्य दिवसों के दौरान दो से लेकर पांच तक अवकाशकालीन पीठ बैठेंगी और प्रधान न्यायाधीश समेत शीर्ष पांच न्यायाधीश भी इस अवधि में कार्यवाही का संचालन करेंगे।

पुरानी परिपाटी के अनुसार, ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में केवल दो अवकाशकालीन पीठ होती थीं और वरिष्ठ न्यायाधीश कार्यवाही में शामिल नहीं होते थे। अधिसूचना में पीठों में न्यायाधीशों के साप्ताहिक आवंटन को रेखांकित किया गया है।

इसके अनुसार 26 मई से एक जून तक प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना क्रमशः पांच पीठों का नेतृत्व करेंगे।

इस अवधि के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेगी। रजिस्ट्री सभी शनिवार (12 जुलाई को छोड़कर), रविवार और सार्वजनिक अवकाश वाले दिन बंद रहेगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Lawyers, holidays, Pending cases, Judiciary, Chief Justice
OUTLOOK 21 May, 2025
Advertisement