जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में फिर लेफ्ट की जीत, आइशी घोष बनीं अध्यक्ष
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) का चुनाव परिणाम घोषित कर दिया गया है। यूनाइटेड लेफ्ट पैनल की आइशी घोष (एसएफआई) नई जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट चुनी गई हैं। लेफ्ट यूनिटी सभी चार पदों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा है। आइशी घोष अध्यक्ष, साकेत मून उपाध्यक्ष, महासचिव पद पर सतीश चंद्र यादव जबकि मोहम्मद दानिश संयुक्त सचिव चुने गए हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दी इजाजत
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान परिणाम घोषित करने की इजाजत दे दी थी। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में परिणाम न जारी करने का आदेश जेएनयू के दो छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर दिया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि चुनाव समिति ने लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी करके छात्रसंघ का चुनाव कराया है।
हाई कोर्ट ने मांगा था जवाब
अंशुमान दुबे और अनुज कुमार द्विवेदी ने याचिका में जेएनयूएसयू का चुनाव लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कराने की मांग की थी। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन इलेक्शन कमेटी और मामले से जुड़े सभी पक्षों को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए निर्देश दिए थे। कोर्ट ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन के जवाब के बाद याचिकाओं को खारिज कर दिया क्योंकि जेएनयू ने कहा कि उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए या तो अनुपयुक्त पाया गया या फिर पीछे उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को उन्होंने छिपाया।
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी जानकारी के बाद हमने चुनाव नतीजों पर रोक लगाई थी लेकिन, आपकी जानकारी सही नहीं थी। जेएनयू ने कहा कि जीआरसी (ग्रीवांस रिड्रेसल सेल) ने पिछला चुनाव 30 काउंसलर के साथ कराया था। जबकि इस बार बार 46 काउंसलर के साथ कराया है। याचिकाकर्ता का ये कहना कि 55 काउंसलर के साथ ही पिछले चुनाव होते आए हैं, पूरी तरह से गलत है।
‘जीआरसी करेगी सुनवाई’
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि किसी एक उम्मीदवार या फिर एक कॉलेज का चुनाव नहीं हुआ है जिसके लिए पूरे चुनाव के नतीजों पर रोक नहीं लगाई जाए। कोर्ट सिर्फ ये निर्देश दे सकता है कि ग्रीवांस कमेटी के पास अगर कोई शिकायत आती है तो वो लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक उनका निपटारा करें। हाई कोर्ट ने कहा कि जीआरसी सुनवाई करेगी और नियम के मुताबिक आपकी शिकायत पर निर्णय लेगी।
6 सितंबर को जेएनयू छात्र संघ चुनाव हुए थे लेकिन हाई कोर्ट की रोक के बाद 8 सितंबर को काउंटिंग के बाद नतीजों की घोषणा नहीं की गई थी।