दिल्ली की चिंताजनक स्थिति के बीच एक साथ दिखे एलजी और सीएम, आईटीओ जाकर किया निरीक्षण
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल ने विकास भवन, आईटीओ में उस स्थान का निरीक्षण किया, जहां एक ड्रेन रेगुलेटर क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण आईटीओ और आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई है। मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहे। निरीक्षण के उपरांत सीएम और उपराज्यपाल ने संयुक्त रूप से मीडिया से बातचीत कर हालिया स्थिति से अवगत कराया।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा, "यमुना का पानी आईटीओ की तरफ जा रहा है। आर्मी, एनडीआरएफ, सिंचाई विभाग, बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीमें आदि सभी लगे हुए हैं। मुझे यकीन है जिस तरह से काम चल रहा है, हम अगले चार या पांच घंटे में कुछ सकारात्मक परिणाम तक पहुंचेंगे।"
उन्होंने कहा, "काम तेजी से हो रहा है। हम जल्द ही इस समस्या को सुलझा लेंगे। यमुना का बहाव बहुत तेज है। हमारा प्रयास है किसी तरह इस बहाव को रोका जाए, शहर के अंदर पानी जाने से रोका जाए। इस स्थिति का हम मिलकर सामना कर रहे हैं।"
इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने कहा, "यह इस समय सबसे बड़ी समस्या पैदा हो गई है। कल से ये जो जलबोर्ड का रेगुलेटर क्षतिग्रस्त हो गया है। सारी टीमें लगी हुई हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हम तीन या चार घंटे के अंतराल में इससे निपटने में कामयाब होंगे। यमुना से पानी कम हो रहा है, लेकिन यहां से निकलने वाले पानी को रोकना जरूरी है।"
इस दौरान मौजूद कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी से यह शिकायत की कि उनकी मांग पर भी एनडीआरएफ की टीमें रात नहीं आईं। उपराज्यपाल ने कैमरा के सामने ही कहा कि यह समय "ब्लेम गेम" खेलने का समय नहीं है। उन्होंने कहा, "हमें एक टीम की तरह काम करना होगा। कहने को मेरे पास भी बहुत कुछ है, लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है।"
इसके अलावा पिछले दिन तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद किए गए थे। इस पर केजरीवाल ने कहा, "बाढ़ के कारण पानी पंप रूम में घुस गया है और चंद्रावल, ओखला और वजीराबाद में हमारे 3 जल उपचार संयंत्र यमुना के तट पर हैं, वहां भी पानी घुस गया है और इस वजह से हम मशीनें नहीं चला सकते। इसलिए जब तक पानी का स्तर कम नहीं हो जाता तब तक हम मशीनों का संचालन शुरू नहीं कर पाएंगे।"
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "यह ड्रेन नंबर 12 पर रेगुलेटर है और यह शहर से वर्षा जल को यमुना नदी में ले जाता है। चूंकि नदी उफान पर थी, इसलिए दबाव से रेगुलेटर कल शाम टूट गया। ऐसे में यमुना का पानी इसी नाले के जरिए वापस शहर में आ रहा है। यहां रातोंरात सैकड़ों कर्मचारी जुटे थे, आईएफसी और जल बोर्ड के इंजीनियर भी थे। हम बोरियों से एक बांध बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पानी शहर में प्रवेश करना बंद कर दे। 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है।"
मंत्री आतिशी ने बताया, "अच्छी खबर यह है कि जल स्तर बढ़ नहीं रहा है, यह कल दोपहर 1 बजे से शाम 7 बजे तक स्थिर था और अब यह बहुत धीरे-धीरे कम हो रहा है। लेकिन यह 0.1 मीटर की दर से घट रहा है इसलिए पानी घटने में एक दिन का समय लगेगा। "
"पानी इलाकों में घुस रहा है क्योंकि सभी नालियां भरी हुई हैं और यह बैकफ्लो है जिससे इलाकों में बाढ़ आ रही है। अभी पम्पिंग संभव नहीं है क्योंकि पानी को यमुना और उसके जलस्तर तक ही जाना होगा...यह कठिनाई किसी व्यक्ति या परिस्थिति के कारण नहीं बल्कि उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण है। अच्छी बात यह है कि पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है।"
आतिशी ने आगे कहा कि स्थिति सामान्य होने में लगभग 10-12 घंटे लग सकते हैं, उनकी टीम 24/7 काम कर रही है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को भविष्यवाणी की कि दिल्ली में अगले 4-5 दिनों तक गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बता दें कि उफनती यमुना नदी के अपने रिकॉर्ड जलस्तर पर पहुंचने के बाद से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।