उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का लिया जायजा, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटने के दिए निर्देश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, प्रधान सचिव (गृह) चंद्राकर भारती और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
सिन्हा ने विभिन्न जिलों में तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को मंगलवार को बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुसार बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक सुरक्षा और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।
सिन्हा ने अधिकारियों को सतर्क रहने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटने तथा फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं को रोकने के लिए यथासंभव कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया।
उपराज्यपाल ने कहा, "मुझे अधिकारियों, पुलिस और सुरक्षा बलों की किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने की क्षमता पर पूरा भरोसा है। वर्तमान स्थिति में प्रशासन, पुलिस और सशस्त्र बलों के बीच निर्बाध समन्वय महत्वपूर्ण है। उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को एक साथ संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए, जमीन पर लोगों के साथ समय बिताना चाहिए, उनकी जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए और उत्तरदायी रहना चाहिए।"
उन्होंने संभागीय आयुक्तों को प्रमुख नागरिकों से मिलने और निरंतर जन सहभागिता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अन्य जिला अधिकारियों को भी सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और नागरिकों से मिलकर उनकी सुरक्षा और चिकित्सा सुनिश्चित करनी चाहिए। सिन्हा ने कहा, "हमें एहतियाती कदम उठाने होंगे और आपात स्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। निकासी योजना और अन्य मानक संचालन प्रक्रियाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। आश्रय केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं तैयार रखी जानी चाहिए।"
उपराज्यपाल ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी कारखानों को ध्वस्त कर दिया है और यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में कोई भी दुस्साहस करने की हिम्मत न कर सके। उन्होंने कहा, "हालांकि, दुश्मन नागरिकों को निशाना बना रहा है और 7-8 मई की रात को उसने जम्मू कश्मीर सहित देश में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। इन्हें निष्प्रभावी कर दिया गया। हमें सतर्क रहने की जरूरत है और नागरिक प्रशासन, रक्षा और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को जमीनी स्तर पर सभी चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।"