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10 January 2023

वेणुगोपाल धूत की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब तलब, 13 जनवरी को अगली सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की जमानत याचिका के जवाब में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से शुक्रवार तक एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। केंद्रीय एजेंसी ने आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में धूत को गिरफ्तार किया है, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

धूत ने अदालत से प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का भी आग्रह किया है। याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही अधिवक्ता कुलदीप पाटिल ने इस पर निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पी. के. चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि एजेंसी शुक्रवार तक हलफनामा दाखिल करे। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख तय की।

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धूत की ओर से पेश हुए वकील संदीप लड्डा ने याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि धूत के ‘‘हृदय में 99 प्रतिशत अवरोध (ब्लॉकेज)’’ हैं। पीठ ने कहा कि वह सीबीआई को हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देगी। अधिवक्ताओं सुभाष झा और मैथ्यू नेदुमपारा ने मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और सह-आरोपियों आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक को अंतरिम जमानत देने वाली इसी पीठ द्वारा सोमवार को पारित आदेश को याद करने का अनुरोध किया।

झा ने उच्च न्यायालय से कहा, ‘‘ हम इस देश के अधिवक्ता और जागरूक नागरिक हैं और इसलिए हस्तक्षेप चाहते हैं।’’ पीठ ने कहा कि वह इस बात पर विचार शुक्रवार को करेगी कि अधिवक्ताओं को सुनवाई में हस्तक्षेप का हक दिया जाए या नहीं। धूत ने अपनी याचिका में सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने और जांच पर रोक लगाने के साथ-साथ जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया है। उन्हें 26 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था और अभी वह न्यायिक हिरासत में हैं।

धूत ने सीबीआई द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को “मनमाना, अवैध, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) का घोर उल्लंघन बताया है जिसके अनुसार आरोपी को जांच के लिए नोटिस जारी करना अनिवार्य होता है और अत्यंत आवश्यक होने पर ही गिरफ्तारी की जानी चाहिए।’’

इसी पीठ ने मामले में सह-आरोपी एवं आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सोमवार को अंतरिम जमानत दी थी।

उच्च न्यायालय ने ‘‘लापरवाही’’ और ‘‘बिना सोचे-समझे’’ गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पर नाखुशी भी जताई। सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।

प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

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TAGS: Loan fraud case, Bombay HC, affidavit, CBI, Venugopal Dhoot, hearing on January 13
OUTLOOK 10 January, 2023
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