फंसे मजदूरों-छात्रों को ट्रेन से लाने की मंजूरी, रेलवे से बात कर योजना बनाएं राज्यः गृह मंत्रालय
देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को लाने के लिए केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने को मंजूरी दे दी है। गृहमंत्रालय ने कहा है कि अब राज्य सरकारें और रेलवे बोर्ड ट्रेनों के संचालन से जुड़ी सभी व्यवस्था करेंगे। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारें इसके लिए रेलवे बोर्ड से संपर्क करके प्लान तैयार कर लें। ट्रेनों से आवाजाही के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। ट्रेनों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा और हर किसी की स्क्रीनिंग होगी। उन्होंने कहा कि भेजने वाले राज्य को भी यात्रियों की स्क्रीनिंग करनी होगी और लक्षण न पाए जाने पर ही ट्रेन में सफर करने की अनुमति होगी। राज्य की सरकार सैनिटाइज बस में यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक लेकर आएगी। गंतव्य तक पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य की सरकार रिसीव करेगी और स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर जरूरत होगी तो क्वारेंटाइन की व्यवस्था की जाएगी।
ट्रकों के लिए पास जरूरी नहीं
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्यों को यह भी निर्देश दिया है कि वह बॉर्डर पर ट्रकों को बिल्कुल न रोकें। फिर वह खाली ट्रक ही क्यों न हो। ऐसे ट्रकों के लिए कोई स्पेशल पास नहीं होगा। अभी भी कई राज्यों में ऐसी समस्या आ रही है।
तेलंगाना से झारखंड गई पहली ट्रेन
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों के लिए रेलवे ने शुक्रवार को एक विशेष ट्रेन चलाई। तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया तक चलने वाली इस ट्रेन में 1,200 लोग सवार हैं, जो यहां फंसे हुए थे। आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया कि 24 कोचों वाली ट्रेन कल सुबह 11 बजे के आसपास हटिया पहुंचेगी। रेलवे ने एक बयान जारी करके कहा कि तेलंगाना सरकार के अनुरोध और रेल मंत्रालय के निर्देश पर यह ट्रेन चलाई गई थी। यात्रियों की स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सभी एहतियाती उपाय सुनिश्चित किए गए थे।