जगन्नाथ रथयात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा- अगर अनुमति दी तो भगवान हमें माफ नहीं करेंगे
देश में कोरोनावायरस संक्रमण के चलते गुरूवार को बीच सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक पुरी रथयात्रा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर वो इसके लिए अनुमति देते हैं को भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में, ओडिशा के पुरी में इस साल की रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर इस साल रथ यात्रा को अनुमति देते हैं, तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे, क्योंकि महामारी के दौरान इतनी बड़ी सभा नहीं हो सकती है।
भीड़ से कोरोना फैलने का खतरा
एक गैर-संगठन की ओर से रथयात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका में कहा गया है कि इसमें दस लाख लोग इकट्ठा होते हैं। रथयात्रा में जुटने वाली भीड़ से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज़्यादा है, लिहाज़ा इस पर फिलहाल रोक लगाई जाए। इस पर चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि अगर दस हजार भी हैं तो गंभीर बात है।
20 दिनों तक जारी रहता है उत्सव
याचिका में कहा गया है क्योंकि लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट अगर दीपावली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती?' बता दें कि 23 जून से रथयात्रा शुरू होनी थी। यह उत्सव अगले 20 दिनों तक जारी रहता है। रथयात्रा को लेकर ओडिशा सरकार अभी तक इस कोई फैसला नहीं ले पाई है लेकिन ओडिशा विकास परिषद नामक एनजीओ ने रथयात्रा पर रोक लगाने की माँग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है।