करोड़ों के फर्जी स्टांप घोटाले का आरोपी अब्दुल करीम तेलगी मौत के बाद बरी
महाराष्ट्र के चर्चित फर्जी स्टांप घोटाला मामले में प्रमुख आरोपी अब्दुल करीम तेलगी सहित आठ अन्य को नासिक की एक अदालत ने बरी कर दिया है। तेलगी की पिछले साल मौत हो गई थी।
अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी किया है। इस मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज पी आर देशमुख ने सोमवार को यह फैसला सुनाया।
सुनवाई के दौरान हो गई थी मौत
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी और कर्मचारी भी इस मामले में आरोपी थे। हालांकि केस की सुनवाई के दौरान ही करोड़ों रुपये के जाली स्टाम्प पेपर घोटाले के आरोपी अब्दुल करीम तेलगी का पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था। उसके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
सुनाई गई थी 30 साल की सजा
घोटाले में अब्दुल करीम तेलगी को साल 2006 में 30 के कठिन कारावास की सजा सुनाई गई थी और 202 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके अलावा इस घोटाले में शामिल अब्दुल करीम तेलगी के सभी साथियों को 6-6 साल की सजा सुनाई गई थी।
बेचता था फल और सब्जी
तेलगी कनार्टक में बेलगांव जिले के खानापुर गांव का रहने वाला था। अब्दुल करीम तेलगी एक रेलवे कर्मचारी का बेटा था। बेहद कम उम्र में ही अब्दुल करीम तेलगी को अपने पिता से दूर होना पड़ा। पिता की मौत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी अब्दुल करीम तेलगी पर आ गई और गुजारा करने के लिए अब्दुल करीम तेलगी ने फल और सब्जी बेचना शुरू कर दिया, लेकिन बाद में उसकी किस्मत तब बदली जब पैसा कमाने के लिए वो सात साल के लिए सऊदी अरब चला गया।
वहां से आने के बाद अब्दुल करीम तेलगी नकली पासपोर्ट बनाकर लोगों को ठगने लगा। इसके बाद अब्दुल करीम तेलगी ने नकली स्टांप पेपर बनाने का काम भी शुरू कर दिया।
घोटाले पर बनी फिल्म
अब्दुल करीम तेलगी और उसके द्वारा किया गया स्टांप पेपर घोटाला इतना बड़ा था कि बॉलीवुड ने इस पर 'मुद्रांक (द स्टैम्प) नाम से एक फिल्म बनाई। यह फिल्म 2008 में बनकर तैयार हो गई थी लेकिन तेलगी ने इसकी रिलीज पर रोक लगाने के लिए केस फाइल कर दिया।
तब तेलगी ने दलील में कहा था कि फिल्म में जो भी तथ्य दिखाए गए हैं वो उस पर चल रही कानूनी कारर्वाई में खलल डाल सकते हैं। यह फिल्म आज तक रिलीज नहीं हुई है।