महात्मा गांधी पर विवादित ट्वीट करने वाली आईएएस अफसर का महाराष्ट्र सरकार ने किया ट्रांसफर
महात्मा गांधी को लेकर किए विवादास्पद ट्वीट पर आईएएस अधिकारी निधि चौधरी का महाराष्ट्र सरकार ने ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही राज्य सरकार ने निधि को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है। उनका ट्रांसफर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) कार्यालय से जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग में कर दिया है।
क्या है मामला
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में उप निगमायुक्त के तौर पर काम कर रहीं निधि ने ट्वीट में लिखा था, 'महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के पीछे क्या उम्मीद हो सकती है। यह सही वक्त है कि देश की करंसी से उनकी तस्वीर हटाई जाए और उनके स्टेटस को भी दुनिया से हटाया जाना चाहिए। अब हमें एक सच्ची श्रद्धांजलि देने की जरूरत है... धन्यवाद गोडसे 30.01.1948 के लिए।'
कांग्रेस और एनसीपी ने जताया विरोध
निधि के ट्वीट का सबसे पहले एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने विरोध किया। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने भी आईएएस अधिकारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के योगदान को कोई भी नकार नहीं सकता। यह देश गांधी के विचारों को लेकर आगे बढ़ा है और भविष्य में भी देश को गांधी के विचार ही आगे लेकर जाएंगे, लेकिन कुछ विकृत विचारों के लोग बापू की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
ट्वीट डिलीट कर किया अपना बचाव
विवाद शुरू होने के बाद निधि चौधरी ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया। हर तरफ हो रही आलोचना के बाद वह अपने बचाव में उतर आईं। उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी की आत्मकथा उनकी सबसे पसंदीदा पुस्तक है और उनके ट्वीट को 'गलत समझा' गया है। उन्होंने एक जून को फिर से ट्वीट किया, 'जिन्होंने मेरे 17-05-2019 के ट्वीट को गलत समझा है, उन्हें मेरी टाइम लाइन देखनी चाहिए। पिछले कुछ महीने के ट्वीट भी अपने आप में पर्याप्त हैं। मैं व्यंग्य के साथ लिखे इस ट्वीट को गलत तरीके से समझे जाने से बहुत दुखी हूं। मैं कभी गांधी जी का अपमान नहीं करूंगी।'